देहरादून: उत्तराखंड सरकार का तीन दिवसीय चिंतन शिविर लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी में शुरू हो चुका है। इन तीन दिनों में उत्तराखंड के विकास को कैसे आगे बढ़ाए जाए ताकि 2025 तक राज्य को कैसे मजबूत किया जाए, समेत तमाम विषयों पर मंथन किया जाएगा। सरकार के चिंतन शिविर को लेकर लंबे समय से तैयारियां चल रही थी। सरकार के मंत्री जहां इस कार्यक्रम की तारीफ कर रहे हैं तो, वहीं कांग्रेस चिंतन शिविर को मात्र नौटंकी बता रही है।
सशक्त उत्तराखंड @25 के विषय पर इस चिंतन शिविर का आयोजन किया गया है। साल 2025 में जब उत्तराखंड 25 साल का होगा तो ऐसे में उत्तराखंड का कितना विकसित होगा और आर्थिक स्रोत कैसे बढ़ाए जाएंगे इस विषय पर यह चिंतन शिविर आयोजित किया गया है। चिंतन शिविर को लेकर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि उत्तराखंड में विकास के लिए सबसे जरूरी है कि प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो, आय के साधन बढ़े और रोजगार बड़ी संख्या में पहाड़ों पर भी उपलब्ध हो। इन तमाम विषयों को लेकर सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे।
वहीं, सरकार का ये चिंतन शिविर कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का कहना है कि भाजपा इस तरह की ड्रामेबाजी अक्सर करती रहती है, लेकिन भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि इन सब का आउटपुट क्या है? पहले भी ऐसी बहुत सारी बैठकें की गई लेकिन धरातल पर कुछ नहीं दिखता। दरअसल, 2025 की चिंता राज्य सरकार को सता रही है। यही वजह है कि सरकार ने चिंतन शिविर का आयोजन किया है, लेकिन उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में नौकरशाहों को भी राज्य के प्रति चिंतित होना होगा। क्योंकि सारी योजनाओं का क्रियान्वयन ब्यूरोक्रेट्स को ही करना है और ऐसे में अगर उनके पास सही प्लान और कार्य करने का जज्बा नहीं होगा तो फिर चिंतन शिविर का मकसद अधूरा रहेगा।