देहरादून: जोशीमठ आपदा प्रभावितों को धामी सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में भी शिफ्ट करने का विकल्प तैयार कर रही है। इसके लिए भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा हास्टल को चुना गया है। हालांकि ये प्रभावितों की सहमति से ही किया जाएगा। उधर एक बार फिर मौसम जोशीमठ के प्रभावितों और प्रशासन की परीक्षा ले रहा है। बारिश शुरू होने और बर्फबारी की संभावना से एक बार फिर मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही मंगलवार दोपहर को आए भूंकप से भी क्षेत्र में दहशत है।
जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर राज्य सरकार फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। जिसके बाद विस्थापन और अन्य जरुरी कदम उठाने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली प्रशासन से प्रभावितों से भराड़ीसैंण शिफ्ट करने के विकल्प पर भी बातचीत करने के निर्देश दिए हैं। उधर सीबीआरआइ ने जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर माडल प्री फेब्रिकेटेड शेल्टर का निर्माण शुरू कर दिया है।
सचिव आपदा प्रबंधन ने कहा कि जरूरत पड़ने पर भराड़ीसैंण विधानसभा के एमएलए और ऑफिसर्श हॉस्टलों में विस्थापितों के रहने की व्यवस्था का विकल्प खुला रखा गया है। यहां करीब 150 से 200 परिवारों को शिफ्ट किया जा सकता है। जोशीमठ भू-धंसाव एवं भूस्खलन का अपडेट देते हुए बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.72 करोड़ रूपये की धनराशि 301 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है। बताया कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 182 एलपीएम हो गया है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है।