उत्तराकाशी के धराली में 5 अगस्त 2025 को आई भीषण आपदा के बाद आज मंगलवार 12 अगस्त को 8वें दिन भी लापता लोगों की खोजबीन जारी है। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने धराली आपदा में लापता और मृतकों की नई लिस्ट जारी की है। Uttarakhand Cloudburst Live Updates इस लिस्ट में 68 लोगों के नाम हैं। इनमें दो मृत व्यक्तियों का नाम भी शामिल है। धराली आपदा में नेपाल के 24 लोग लापता हैं। जिस तरह आपदाग्रस्त क्षेत्र में बड़े बड़े होटल, होस्ट हाउस, होमस्टे और अन्य भवन जलप्रलय के साथ आए मलबे में जमींदोज हुए हैं, उसे देखते हुए मलबे में जिंदगी के निशान खोजने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। भवनों वाली जगह पर भारी मशीनों से खोदाई नहीं की जा सकती है। क्योंकि, कहीं यदि को किसी तरह जीवित भी हुआ, तो उसे बचाने की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी। लिहाजा, रविवार को ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) जबकि सोमवार को रेस्क्यू रडार भी एनडीआरएफ ने धरातल पर उतार दिया है।
डॉग ने रविवार को कुल आठ जगहों पर सूंघकर संकेत दिए थे। यहां एनडीआरएफ ने जब खोदाई की तो मलबे के नीचे से पानी निकलने लगा। ऐसे में एनडीआरएफ को वहां पर खोदाई रोकनी पड़ी। इसके अलावा स्थानीय लोगों से जानकारी के आधार पर एनडीआरएफ ने उस जगह पर भी खोदाई की जहां पर वीडियो में लोग भागते नजर आ रहे थे। यहां भी पानी के कारण ज्यादा खोदाई नहीं हो सकी। डीआईजी एनडीआरएफ गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि यहां पर जीपीआर से स्कैनिंग की जा रही है। यह रडार तरंगों पर काम करने वाला उपकरण है। इससे भूमि के अंदर स्ट्रक्चर का पता लगाया जाता है। मसलन अगर कहीं मकान या अन्य कोई भवन होने के संकेत मिलेंगे तो ठीक उसी जगह पर खोदाई की जाएगी। जीपीआर एक ज्योग्राफिकल मेथड है, जो सतह के नीचे की ऑब्जेक्ट्स और स्ट्रक्चर का पता लगाने के लिए रेडियो वेव्स का उपयोग करता है। एनजीआरआई ने इस साल फरवरी में तेलंगाना में एसएलबीसी सुरंग के ढहने के बाद फंसे लोगों का पता लगाने के लिए अपने जीपीआर का इस्तेमाल किया था।