हरिद्वार: गजवा-ए-हिंद की विचाराधारा को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार में कुछ क्षेत्र विशेष का इस्तेेमाल किया जा रहा था। यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े आठ संदिग्ध आतंकियों में से एक बांग्लादेशी लंबे समय से हरिद्वार में रह रहा था। एक स्थानीय युवक लंबे समय से उसका दोस्त था। आशंका जताई जा रही है कि हरिद्वार के सैकड़ों युवाओं को ये अपनी विचारधारा से जोड़ चुके हैं। संयुक्त टीम ने अलीनूर निवासी सलेमपुर, जिला हरिद्वार, मूल निवासी ग्राम जहरन, जिला गोपालगंज, ढाका, बांग्लादेश और मुदस्सिर निवासी नगला इमरती, रुड़की, हरिद्वार को गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ में उत्तराखंड कनेक्शन का भी पता चला है।
यूपी एटीएस के सनसनीखेज खुलासे ने उत्तराखंड पुलिस की भी नींद उड़ाकर रख दी है। अब खुफिया एजेंसियां स्थानीय स्तर पर आतंकियों के नेटवर्क को खंगालने के साथ ही चौकसी बढ़ा दी गई। यूपी एटीएस की गिरफ्त में आए आतंकी गतिविधियों में शामिल बांग्लादेशी आरोपी तल्हा एवं अलीनूर गांव सलेमपुर में रह रहे थे। यूपी एटीएस की ओर से जारी प्रेस नोट में जानकारी दी गई है कि रुड़की के गांव नगला इमरती के रहने वाले मुदस्सिर और कामिल निवासी जाहीरपुर देवबंद सहारनपुर ने आरोपियों को यहां ठहराया था। पिछले कई साल से कामिल भी यहां रहकर दिहाड़ी मजदूरी कर रहा था और वह ही मुदस्सिर से जुड़ा हुआ था। मुदस्सिर ने ही दोनों बांग्लादेशियों को कामिल के पास भेजा था।
एटीएस की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि कामिल के बैंक खाते में ढाई लाख की टेरर फंडिंग भी की गई थी। यहां आने से पहले बांग्लादेशी अलीनूर उर्फ जहांगीर मंडल उर्फ इनामुलहक बांग्लादेशी आतंकियों के साथ पानखीउड़ा मदरसे ग्वालपाड़ा असम में शिक्षक के तौर पर रह रहा था, जिसके बाद ही यहां आया था। आतंकियों का हरिद्वार कनेक्शन सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियों के होश फाख्ता है, चूंकि सलेमपुर मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र है लिहाजा खुफिया एजेंसियां इस बात की तह तक जाने में जुटी है कि कई वर्षों से रह रहे कामिल के संपर्क में आखिर कौन-कौन लोग थे। जिस स्थानीय व्यक्ति के घर कमरा किराए पर लिया गया था, उससे भी खुफिया एजेंसियों ने कई चरण में पूछताछ करते हुए आरोपियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली।