Uttarakhand Congress: उत्तराखंड कांग्रेस का सबसे मजबूत नेता कौन है ? ये साबित करने की इन दिनों होड़ सी दिख रही है। आगामी 21 नवंबर को कांग्रेस के दो बड़े नेता अपना-अपना प्रोग्राम करने जा रहे हैं। सीनियर नेता प्रीतम सिंह, सरकार को घेरने के लिए सचिवालय कूच करेंगे तो हरिद्वार में पूर्व सीएम हरीश रावत भारत जोड़ो यात्रा करेंगे। ऐसे में सवाल है कि क्या प्रीतम सिंह सचिवालय कूच से शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं। वहीं, बड़ा सवाल यह भी कि क्या हरीश रावत, हरिद्वार में पद यात्रा करके लोकसभा चुनाव से पहले मौजूदगी का एहसास कराना चाहते हैं?
प्रीतम सिंह ने 21 नवंबर को सचिवालय कूच का एलान कर सत्ताधारी दल भाजपा से अधिक अपनी ही पार्टी के क्षत्रपों प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व सीएम हरीश रावत को तो चौंका ही दिया, संदेश प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव यानी दिल्ली दरबार तक भी भेज दिया है। हरीश रावत का कहना है कि मेरा प्रोग्राम पहले से तय था और दूसरे प्रोग्राम में न्योता देने कोई न कोई जरूर जाएगा। यहां यह बता दें कि प्रदेश कांग्रेस की कमान करन महारा के हाथों में है, जिन्होंने बद्रीनाथ और हर की पैड़ी से भारत जोड़ो यात्रा की थी। लेकिन, इसमें हरीश रावत और प्रीतम सिंह में से कोई नहीं पहुंचे थे।
बहरहाल, यहां यह बता दें कि प्रदेश कांग्रेस के प्रोग्राम हों तो अक्सर बड़े नेता दूरी बना लेते हैं। मगर, अब बड़े नेता खुद अपने प्रोग्राम करके पनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहते हैं। लेकिन, जब पार्टी और नेताओं में भी तालमेल नहीं होगा तो प्रदर्शन, पद यात्रा, चाहे हरिद्वार में हो या देहरादून में, हाल नहीं सुधरने वाला। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के उत्तराखंड से बाहर रहने का कार्यक्रम सामने आया है। 29 नवंबर से विधानसभा का सत्र भी शुरू होना है। ऐसे में प्रीतम सिंह के कार्यक्रम से पार्टी के भीतर हलचल तेज है। विधायकों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की तो पार्टी के भीतर ध्रुवीकरण की नई राजनीति तेज होती दिखाई दे सकती है।