जोशीमठ में खतरे वालों घरों से बेघर हुए लोगों के लिए मौसम और त्रासदी की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। हालांकि राज्य सरकार हर संभव कदम उठाने का दावा कर रही है। विस्थापित परिवारों में कुल 900 लोग इस त्रासदी में बेघर हुए हैं। फिलहाल इन्हें घर से बाहर निकलने का दर्द तो है ही अब मौसम की मार भी इनके ऊपर हैं। बर्फबारी से इन्हें खासी दिक्कत हो रही है। 3.27 करोड़ रुपये प्रभावित परिवारों को प्रशासन की ओर से वितरित किए गए हैं। इसका लाभ कुल 218 परिवारों को मिला है। यह एडवांस रिलीफ के तौर पर दिया गया है। करीब 4 लाख रुपये 8 परिवारों को इमीजिएट असिस्टेंस दिया गया है। 50 हजार रुपये प्रति परिवार को सहायता राशि दी गई है।
वहीं, शुक्रवार को हुई बारिश और बर्फबारी के बाद जेपी कॉलोनी में हो रहे भूजल रिसाव की गति भी बढ़ गई है। एक दिन पहले यहा 150 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) रिसाव हो रहा था, जो शुक्रवार को 250 एलपीएम दर्ज किया गया। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि संभवतः बारिश के कारण रिसाव बढ़ गया है। लेकिन इसका वैज्ञानिक पहलू क्या है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। शुक्रवार को 14 और भवन इस सूची में जुड़ गए। कुल दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर अब 863 हो गई है। वहीं 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है। डॉ. सिन्हा ने बताया कि मौसम के बदले रूख को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राहत शिविरों में सभी कमरों में हीटर और बाहर अलाव की व्यवस्था कर दी गई है।