अल्मोड़ा: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। ताजा मामला अल्मोड़ा के जिला अस्पताल का है। जहां रात में बीमार होने पर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है। सरकारी अस्पताल में आधी रात को इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर शराब के नशे में धुत पाए गए। यह देखकर परिजन नाराज हो गए और बिना इलाज के ही वहां से मरीज को लेकर लौट गए। अब मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
चिकित्सा अधिकारी रात की ड्यूटी के दौरान वायरल वीडियो पर कड़ा संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सचिव आर राजेश कुमार ने एक नोटिस जारी किया है। अल्मोड़ा जिला अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधीक्षक (पीएमएस) डॉ कुसुम लता को कारण नोटिस। नोटिस में कुमार ने पीएमएस से ड्यूटी के दौरान नशे में धुत डॉक्टर के खिलाफ की गई कार्रवाई पर स्पष्टीकरण मांगा है। प्रभारी सचिव ने पीएमएस को तीन दिन के भीतर पूरे प्रकरण का जिक्र करते हुए रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
प्रभारी सचिव ने कहा कि इस तरह की घटनाएं किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं होंगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के किसी भी कर्मचारी का सबसे पहला कर्तव्य आम जनता को इलाज मुहैया कराना है। बता दे, आपातकालीन स्थिति में बलवंत लाल अपने पांच साल के बेटे आरुष कुमार को लेकर पहुंचे। बच्चे को 103 डिग्री बुखार था। वो लोग इमरजेंसी में मरीज को उपचार करवाने ले गए तो वहां तैनात डाक्टर नशे में धुत मिला। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर की जुबान लडखड़ा रही थी और वह इतने नशे में था कि पर्ची पर दवाइयां भी नहीं लिख पा रहा था। इस पर जब मरीज के परिजनों ने नाराजगी जाहिर की तो डॉक्टर ने धमकाते हुए कहा कि जो करना है कर लो।