श्रीनगर: जहां देशभर में सांप्रदायिक हिंसा लोगों के बीच नफरत की खबरे सामने आ रही है, जहां एक तरफ पूरा देश हिंदू-मुस्लिम के शब्दों में उलझा हुआ है। वही दूसरी तरफ देवभूमि उत्तराखंड से दिल को सुकून पहुंचाने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां एक मुस्लिम परिवार ने हिंदू घर की निर्धन बेटी की डोली को अपने घर से पूरे हिंदू रीति-रिवाज के साथ विदा किया है। दरअसल, श्रीनगर के टम्टा मोहल्ले में प्यारे लाल की बेटी सुनीता की शादी थी। गरीबी के कारण प्यारे लाल के सामने सुनीता की शादी कराना चुनौती बन गया था।
ऐसे में वरिष्ठ कांग्रेसी रहे मुहम्मद सिद्दीकी की पुत्री हिना और उनके परिवार वालों नेसुनीता की शादी कराने का बीड़ा उठाया। शादी में सिर्फ हिना के परिवार वालों ने ही नहीं क्षेत्रवासियों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। शादी में जाति-धर्म के भेद से हटकर इंसानियत को जीवन में सबसे महत्वपूर्ण मान सबने मेंहदी, हल्दीहाथ, बान, सात फेरे सहित हिन्दू विवाह की सभी रस्में भी पूरी धूमधाम के साथ पूरी की। बारातियों का भोजन भी उन्होंने अपने ही घर में करवाया। जब सुनीता की विदाई हुई तो यहां माहौल देखकर उपस्थित हर एक की आंखे नम हो गई।
बताया जा रहा है आठ साल की उम्र में सुनीता के सिर से मां का साया उठ गया था। हीना और सलीम ने बताया कि प्यारे लाल की एक लड़की और एक लड़का है। लड़का मेहनत मजदूरी करता है। हिना की सास जरीना खातून बचपन में स्वयं सुनीता को स्कूल ले जाती थीं। 25 अप्रैल को सुनीता की सगाई देहरादून निवासी सोनू से हो गई, जोकि अपने जीजा के साथ ठेकेदारी का काम करता है। हर तरफ इस शादी के चर्चे है तो वहीं हिना और उनके परिवार की सराहना की जा रही है।