Earthquake in Uttarakhand due to secret video | Uttarakhand News | Panchayat Election | BJP |

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“लो जी! जो लापता थे, वो अब कैमरे पर हैदोस्तो उत्तराखंड में कैसे एक वीडियो से आ गया भूचाल। कैसे बीजेपी के राज राज खुल गए और कैसे कांग्रेस में भी मचा हड़कंप। दगड़ियो बेहद अहम खबर के साथ आया हूं। नैनीताल जिले की राजनीति इन दिनों नाटक, रहस्य और ड्रामे से भर गई है। Uttarakhand District Panchayat Election 14 अगस्त — जी हां, ठीक स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले — ज़िले में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना था। माहौल गर्म था, कुर्सी की जंग तगड़ी थी…लेकिन तभी कांग्रेस ने किया एक बड़ा दावा — उनके 5 जिला पंचायत सदस्य लापता हो गए हैं। और सिर्फ लापता नहीं, कांग्रेस ने साफ कहा — “ये अपहरण है!”सड़क से सदन तक प्रदर्शन हुए। बयानबाज़ी गरमाई। भाजपा पर उंगलियां उठीं। माहौल बेकाबू हो गया लेकिन अब! गेम में ट्विस्ट आ गया है। एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वही ‘लापता’ पंच — एकदम मुस्कराते हुए, फ्रेश लगते हुए — कैमरे में बोल रहे हैं: “हम अपनी मर्जी से गए थे। हमारे अपहरण की खबरें झूठ हैं और हम सरकार के साथ मिलकर विकास करेंगे।वाह! क्या टाइमिंग है। आप भी देखिए जिनको जनता माना नेता औ कर रहे हैं सैरसपाटा। दगड़िओ कई सवाल अब खुद-ब-खुद उठ खड़े होते हैं। अगर सब मर्जी से गया थे, तो गायब क्यों हुए? बिना फोन, बिना संपर्क, चुनाव से ठीक पहले? फिर कांग्रेस ने ऐसा गंभीर आरोप क्यों लगाया? अब थोड़ा ऊपर वाली सियासत की बात होने चाहिए।

दोस्तो विपक्ष के वार बात होनी चाहिए, सत्ता पक्ष के बचाव की बात भी होनी चाहिए। दगड़ियो कांग्रसे कांग्रेस कह रही थी और कह आज भी रही है ये सब स्क्रिप्टेड है ये राजनीतिक हाइजैकिंग है  पंचों को बरगलाया गया, दवाब डाला गया या खरीदा गया। अब दगड़ियो क्या हुआ होगा बल। आगे बताउंगा आपको आपको इसके पीछे की सच्ची कहानी जिसे आपको अब तक किसी ने नहीं बताया होगा। बस आपसे गुजारिश मेरी ये है कि आप अंत तक मेंरे साथ इस वीजडियो में बने रहे हैं। दगड़ियों एक-एक कर सवालों के जरिए दूध का दूध पानी का पानी करूं। उससे पहले बीजेपी के बारे में बात करता हूं। जो इस अपहरण वाली राजनीति पर बीजेपी कह रही थी। या है। दोस्तो बीजेपी ने कहा हर कोई स्वतंत्र है। विपक्ष हार की बौखलाहट में झूठ फैला रहा है। वाह भई अपनी देवभूमि की राजनीति वाह। जनता को घनच्कर समझा है क्या कोई इधर घूमाएगा कोई उधर घूमाएगा। अब तो अब जनता पूछ रही है बल ये क्या हो रहा है। क्या अब राजनीति में अपहरण और पिकनिक के बीच की रेखा मिट चुकी है? आगे बात करूंगा सिलसिले वार तकरीके से राजनीति का हिंसात्मक रूप आप सब ने देखा दगड़ियो। मैने भी दिखाया कि कैसे देवभूमि की राजनीति अब क्रूरता की तरफ बढ़ रही है। अब में इस पिकनीक वाली राजनीति की बखिया एक एक उधेड़ुगां। हो सकता है इसी वीडियो में या फिर अपने अगले वीडियो में लेकिन उत्तराखंड की जनते के वोट से सत्ता के शिखर तक पहुंच कर आप  पिकनीक मनाएंगे। आप घूमने चले जाएंगे ऐसे लगों को दगड़िओ जनता ने पीकनिक पर ही भेज देना चाहिए और हां वो आयोग जो रात के ३ बजे वोटिंग करा मतगणना करता है वो इन पीकनिक वाले पंच पर क्रवाई करेगा।

आगे सवाल करुंगा इस पर भी आयोग कैसे अपने फर्ज को ठीक से नहीं निभा पा रहाहै या फिर कुछ और मसला है। इन सब पर बात करूंगा। किसी ने कल मेरे से पूछा कमेट के जरिए आप में से कोई होगा कि इन गायब हुए। नही नहीं पिकनिक पर गए सदस्यों का क्या होगा क्या कार्रवाई होगी। इनके वोट का क्या होगा इस पर भी में एक अलग से वीडियो बना कर आप तक पहुंचाउंगा लेकिन उससे पहले आज बात इन पिकनिक से लौटे नेता जी की करता हूं। दोस्तों, राजनीति में नए किस्से रोज़ आते रहते हैं, लेकिन नैनीताल का जो ड्रामा 14 अगस्त के आसपास सामने आया, उसने हर किसी को चौंका दिया है। कांग्रेस का आरोप था कि उनके पांच जिला पंचायत सदस्य अचानक से लापता हो गए। यह लापता होना महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक गंभीर अपहरण की खबर मानी जा रही थी… पूरा ज़िला हड़कंप में था, और राजनीति में भूचाल आ गया था लेकिन अब जो नया वीडियो सामने आया है, उसने सारे राज़ के पर्दे उठा दिए हैं। वो पंच जो ‘लापता’ बताए जा रहे थे, वो खुद कह रहे हैं — हम अपनी मर्जी से गए थे, अपहरण की खबर गलत है। दोस्तो यह बयान एक बड़ी उलटफेर है, जो राजनीति के खेल को नया मोड़ दे रहा है तो दगड़ियों क्या है इस पूरे ड्रामे के पीछे की सच्चाई? 14 अगस्त को नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव था। चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने एक बड़ा आरोप लगाया कि उनके पांच जिला पंचायत सदस्य ‘अचानक लापता’ हो गए हैं। कांग्रेस ने इसे अपहरण का मामला बताया और राज्य सरकार और भाजपा पर सख्त निशाना साधा सड़क पर प्रदर्शन हुए, नारेबाजी हुई और विपक्ष ने चुनाव के निष्पक्षता पर सवाल उठाए। ऐसा लगा मानो चुनाव ही स्थगित हो गया।

मीडिया में ये खबर आग की तरह फैल गई। हर कोई इस घटना को गंभीरता से ले रहा था। मैने भी लिया भाई लूं क्यों नहीं सवाल अपने अपने उत्तराखंड का है। खैर अब अचानक सामने आया वीडियो और फिर उठे सवाल पर दोस्तो राजनीति में खेल अब और जटिल होता जा रहा है। कुछ दिन बाद वायरल हुआ एक वीडियो जिसमें वही ‘लापता’ सदस्य अपने बयान में कहते हैं —हम कहीं गायब नहीं थे, अपनी मर्जी से घूमने गए थे। हमारी कोई अपहरण की घटना नहीं हुई। वीडियो सामने आते ही राजनीति में हलचल मच गई। सवाल उठे — अगर सच में वे मर्जी से गए थे, तो लापता होने की क्या जरूरत थी? क्या वे जानबूझकर छुपे थे? या फिर विपक्ष ने अपनी राजनीतिक सियासत के लिए झूठा आरोप लगाया? क्या चुनाव जीतने के लिए कोई भी हद पार कर सकता है? मै इन सवालों के जरिए विपक्ष और सरकार दोनों को घेर रहा हूं। आप कह सकते हैं कहिए अपने अगले वीडियो में बात करूंगा कि कैसे इन पांच सदस्यों में होती कार्रवाई को रोका गया किसने रोका क्यों रोका। इनके वोट का क्या। चुनाव क्या कर सकता है। और ये घुमतु राजनीति कैसे प्रदेश के लिए हानिकारक है और हां ये पूरा मामला सिर्फ चुनावी ड्रामा नहीं है। यह एक बड़ा सवाल है कि लोकतंत्र की नींव किस हद तक कमजोर हुई है।