शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश, सेवाएं देने में असमर्थ शिक्षकों को दिलाई जाएगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति, मिलेगी पूरी पेंशन

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देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षकों और कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने की तैयारी चल रही है जो सेवाएं देने में असमर्थ हैं। विभाग की ओर से हर जिले में इस तरह के शिक्षकों को चिह्नित किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इन शिक्षकों की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सेवानिवृत्ति के बाद इन शिक्षकों को पूरी पेंशन मिलेगी। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो शिक्षक गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और वह सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं, उनकी सेवाएं 20 साल से अधिक हो गई है तो उनको अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाए।

इनकी सेवानिवृत्ति से नए युवाओं को नौकरी के अवसर मिलेंगे। दरअसल, ऐसा करने से जहां जहां गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों और कार्मिकों को 20 साल की सेवा के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने से उनको पेंशन का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा, तो वही जिन पदों पर वह नियुक्त हैं और अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं, जिससे कि बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है, उस पद को नई नियुक्ति से भरा जा सकता है, जिससे छात्रों की पढ़ाई को हो रहे नुकसान की भरपाई की जा सकती है। विभाग की ओर से अब इस तरह के शिक्षकों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति देने के लिए फामूर्ला तैयार किया जा रहा है।

बता दे, प्रदेश में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में 72 हजार शिक्षक कार्यरत हैं। विभाग के मुताबिक इनमें बड़ी संख्या में शिक्षक बीमार हैं और लंबी अवधि से छुट्टी पर चल रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के मुताबिक विभाग में करीब दो हजार से अधिक शिक्षक गंभीर बीमार और दिव्यांग हैं। इसमें वे दिव्यांग शामिल नहीं हैं, जिनकी आरक्षण के आधार पर नौकरी लगी है। लंबी अवधि से छुट्टी पर चल रहे कुछ शिक्षकों की दोनों मंडल विभाग से छुट्टी कर चुके हैं। इस तरह के अन्य शिक्षकों को चिह्नित किया जा रहा है।

कुल मिलाकर देखें तो शिक्षा मंत्री का यह फार्मूला वास्तव में सराहनीय है, क्योंकि इससे जहां गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों और कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने से, वह पेंशन पाकर अपना उपचार और देखभाल ठीक से करा सकते हैं तो वही उनके पद खाली होने से नई नियुक्ति से छात्रों को पढ़ाई में हो रहे नुकसान की भरपाई की जा सकती है ऐसे में देखना ही होगा कि आखिर इतनी जल्दी शिक्षा विभाग इस पर अमल करता है और अनिवार्य सेवानिवृत्ति के फार्मूले को लागू करने गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों और कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाती है।

शिक्षा विभाग में गंभीर बीमार शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। – बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक