जी हां दोस्तो एक तरफ ठंड का कहर हो, दूसरी तरफ सुबह-सुबह आपके बच्चों को स्कूल जाना, आपको ऑफिस जाना हो, गर्म पानी की जरूत सबसे ज्यदा हो, लेकिन आपके इलाके की बिजली गुल हो जाए। एक दिन अगर लगातार ऐसा हो रहा हो, लगातार आप बिजली कटौती से परेशान हो और कोई समझने वाला नहीं कोई सुनने वाला नहीं, तब आप क्या करेंगे। आपका गुस्सा गुस्सा भड़के, वो बिजली विभाग पर, ऐसे में ग्रामीणों की परेशानी को देख नाराज हुए विधायक ने उठाया ऐसा अनोखा कदम की बिजली विभाग में मच गया हड़कंप। बिजली कटौती से भड़के विधायक, खुद खंभे पर चढ़कर काट दी लाइन! जी हां दोस्तो हरिद्वार के झबरेड़ा से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाती ने बिजली कटौती से नाराज़ होकर उठाया ऐसा कदम, जिसे देखकर बिजली विभाग के अधिकारी भी सकते में हैं। ग्रामीण इलाकों में बार-बार बिजली गुल होने पर विधायक खुद खंभे पर चढ़कर बिजली लाइन काटते नजर आए। तीन दिन का समय देने के बावजूद सुधार न होने पर अब चेतावनी भी दी गई है। दोस्तो इस दौरान विधायक लाइनमैन की तरह प्लास लेकर काम करते नजर आए। दरअसल विधायक ने ये कदम क्यों उठाया वो बताता हूं विस्तार से।
दोस्तो झबरेड़ा और आसपास के देहात क्षेत्रों में सुबह-सुबह बार-बार बिजली गुल होने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए विधायक वीरेंद्र जाती ने पहले बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता से बात की और व्यवस्था सुधारने के लिए तीन दिन का समय दिया था। विधायक ने कहा था कि अगर इस दौरान बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें सख्त कदम उठाना पड़ सकता है। ये दिखाता है कि विधायक ने पहले प्रशासन को सुधार का मौका दिया और कदम उठाने से पहले संवाद की पूरी कोशिश की। जब दोस्तो तीन दिन की समय सीमा पूरी होने के बावजूद भी बिजली आपूर्ति में कोई सुधार नहीं हुआ। ग्रामीणों की लगातार बढ़ती शिकायतों और प्रशासन की उदासीनता को देखते हुए विरोध स्वरूप विधायक ने खंभे पर चढ़कर बिजली लाइन काटने का कदम उठाया। ये घटना स्थानीय लोगों के लिए चौंकाने वाली थी, क्योंकि किसी विधायक का इस तरह का व्यक्तिगत रूप से विरोध दर्ज कराना आम नहीं देखा गया। दोस्तो विधायक ने इस दौरान साफ चेतावनी दी कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था जल्द दुरुस्त नहीं की गई, तो जेई, एसडीओ समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की बिजली लाइन भी काटी जा सकती है। ये चेतावनी इस बात का संकेत है कि विधायक अब प्रशासनिक कार्रवाई के लिए मजबूर हो गए हैं और जनता की परेशानियों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। दोस्तो अब विधायक जनता का प्रतिनित्व कर रहे हैं तो परेशानी उनकी वो जो जनता की है। विधायक के इस कदम पर कई ग्रामीणों ने इसे साहसिक कदम कहा, क्योंकि ये सीधे जनता की परेशानियों पर ध्यान आकर्षित करता है। वहीं कुछ लोगों ने इसे विवादास्पद और जोखिम भरा कदम करार दिया, क्योंकि कानून और सुरक्षा के दृष्टिकोण से ये सही नहीं माना जा सकता, लेकिन दोस्तो विधायक की ये कार्रवाई बताती है कि जब प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करता है, तो चुने हुए प्रतिनिधी को जनता के हक़ की लड़ाई के लिए सख्त कदम उठाना पड़ता है। इस घटना से ये साफ संदेश जाता है कि बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर प्रशासनिक उदासीनता सहन नहीं की जाएगी। विधायक ने अपनी कार्रवाई से यह दिखाया कि ग्रामीण जनता के जीवन और सुविधा की रक्षा उनकी प्राथमिकता है। ये कदम न सिर्फ बिजली विभाग के लिए चेतावनी है, बल्कि अन्य सरकारी अधिकारियों के लिए भी एक संदेश है कि जनता की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हरिद्वार के झबरेड़ा क्षेत्र में बिजली कटौती को लेकर उठाया गया विधायक का यह कदम अनोखा और विवादास्पद जरूर है, लेकिन इसे ग्रामीण जनता की परेशानियों की ओर ध्यान खींचने वाला भी कहा जा सकता है। जब प्रशासन समय रहते सुधार नहीं करता और जनता की शिकायतों को अनसुना करता है, तो ऐसे कदम राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था दोनों पर दबाव डालते हैं।