देहरादून: चर्चाओं का केंद्र बनी पूर्व भाजपा नेत्री नुपुर शर्मा व कारोबारी अजय गुप्ता को अमित शाह द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जेड सुरक्षा दिए जाने की बात फर्जी साबित हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम से फर्जी पत्र वायरल होने से उत्तराखंड में सरकार से लेकर शासन तक हड़कंप मचा हुआ है। जिसको एसटीएफ की ओर से गलत पाए जाने पर कार्रवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि संज्ञान में आया है कि किसी व्यक्ति को जेड सिक्योरिटी प्रदान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कोई पत्र नहीं भेजा गया है।
गृह मंत्रालय के लेटर हेड सरीखे कागज पर कथित अमित शाह की ओर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित अंग्रेजी भाषा में लिखे इस पत्र की भाषा पर गौर किया जाए तो इसमें लिखा था कि श्री पुष्कर सिंह धामी, मैं राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के आपके प्रयासों और आपकी गहरी रुचि की प्रशंसा करता हूं। वर्तमान परिदृश्य में अजय गुप्ता को जेड सुरक्षा प्रदान करना भी प्रशंसनीय है।देहरादून में नुपुर शर्मा के फैमिली हाउस के लिए उभरते खतरों का मूल्यांकन करने के लिए मैं आपको सलाह देता हूं कि उन्हें तत्काल आधार पर जेड सुरक्षा प्रदान करें। मुझे विश्वास है कि आप इस कार्य को अच्छी तरह से और कुशलता से निष्पादित करेंगे। दोनों श्री अजय गुप्ता और श्रीमती नुपुर शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक को बढ़ावा देने के प्रतीक हैं। संघ की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए प्रतीक हैं। जो अंततः हमें हिंदू राष्ट्र बनाने को पूरा करने के लिए प्रेरित मुझे लगता है, आप इस कार्य की संवेदनशील प्रकृति को समझेंगे और अपना प्रमुख महत्व देंगे। आपको और आपकी टीम को मेरी शुभकामनाएं।
इस पत्र के वायरल होते ही पीआईबी ने इसे ट्विटर पर टैग करते हुए फर्जी बताया। उधर, मुख्यमंत्री धामी ने फर्जी पत्र की गंभीरता को देखते हुए दोषी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कारवाई के निर्देश दिए हैं। सोशल मीडिया पर इस पत्र के जारी होते ही हड़कंप मच गया। हाई प्रोफाइल लोगों के नाम इस पत्र से जुड़े होने के कारण यह पत्र देखते ही देखते सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर जगह पाने लगा। जिसके बाद दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक का सरकारी अमला सक्रिय हुआ। इस बाबत तत्काल उत्तराखंड शासन की ओर से प्रेस नोट जारी कर स्थिति स्पष्ट की गई। इस क्रम मे एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा सुसगंत धाराओ में मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है।