UKSSSC Paper Leak मामले में मुख्य आरोपी सहित पांच लोगों को मिली जमानत..पुलिस के होमवर्क पर उठ रहे सवाल

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देहरादून: उत्तराखंड में इनदिनों पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने लोगों की वाहवाही तो लूटी है। लेकिन अब इन मामलों में उतनी ही फजीहत भी होने लगी है। कोर्ट में आरोपियों को जिस तरह जमानत मिल रही है, उससे पुलिस के होमवर्क पर सवाल खड़े होते दिख रहे हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक में बड़ा अपडेट आ रहा है। मामले में एसटीएफ की पैरवी अब कमजोर पड़ती दिख रही है। यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में दो गैंगस्टर सहित पांच को जमानत मिल गई है।

चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्र की अदालत में गैंगस्टर के आरोपित बलवंत सिंह रौतेला व मनोज जोशी सहित आरोपित गौरव नेगी, गौरव चौहान, सूर्य प्रताप चौहान की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। जमानत प्रार्थना पत्र में आरोपितों ने कहा कि उन्हें इस केस में झूठा फंसाया गया है। उन्होंने न तो किसी दस्तावेजों की कूटरचना की है और न ही कोई धोखाधड़ी की है। केवल बयानों के आधार पर ही उन्हें गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पांचों आरोपितों को एक लाख रुपये के बंधपत्र व एक-एक लाख रुपये के दो जमानती पेश करने पर जमानत पर रिहा कर दिया।

इससे पहले प्रकरण में चार आरोपितों पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी के अलावा तुषार चौहान, भावेश जगूड़ी और अंकित रमोला को जमानत मिल चुकी है। दरअसल, पुलिस की विवेचना के आधार पर कोर्ट में आरोपी को सजा दिलवाई जा सकती है। लिहाजा भले ही पुलिस गिरफ्तारी को लेकर कितनी तेजी दिखा ले। लेकिन यदि मामले की जांच पर्याप्त सबूतों के अभाव में होती है तो कोर्ट में आरोपी आसानी से कानून के शिकंजे से बाहर निकल जाता है।