देशभर में बाघों को बचाने की मुहिम चल रही है, लेकिन इस मुहिम को लेकर वन अधिकारी-कर्मचारी कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा राजाजी टाइगर रिजर्व में हुई एक घटना से लगाया जा सकता है। यहां से एक बाघिन लापता है। बाघिन को लापता हुए 1 महीना हो गया था, उसे तलाशने के लिए स्पेशल टीम बनाई गई थी। राजाजी नेशनल पार्क से लापता बाघिन मिल गई है। बाघिन बेरिवाड़ा रेंज में लगाये गए ट्रैप कैमरे में कैद हुई है। जिसके बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली।
पिछले 10 दिनों से वन विभाग की 4 टीमें रानी नाम की बाघिन की खोज में लगी हुई थीं। बाघिन के गले में दिसंबर 2020 में लगाया गया सेटेलाइट रेडियो कॉलर भी सुरक्षित है। बैटरी खत्म होने से बाघिन की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही थी। इस दौरान बेरिवाड़ा और रामगढ़ रेंज में बाघिन के पदचिह्न मिले। माप लेकर इनका मिलान कराया गया। दोनों रेंज में ट्रैप कैमरे बढ़ाये गए। अब बेरिवाड़ा रेंज के ट्रैप कैमरों में बाघिन की गतिविधियां कैद हुई हैं।
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा ने बताया बाघिन के लापता होने का कारण कॉलर की बैटरी है, जो आज से लगभग 6 महीने पहले खत्म हो चुकी थी। वन विभाग ने बैटरी को इसलिए नहीं निकाला, क्योंकि इसके लिए बाघिन को ट्रेंकुलाइज करके बेहोश करना होता। यह काम काफी मुश्किल है। हालांकि जहां पर बाघिन कैमरे में ट्रैप हुई है, वहां पर उसने अपना घर बना लिया है। इस इलाके में जल्द ही नए बाघ लाये जाएंगे। उन पर शुरुआत में ही कॉलर लगा दिए जाएंगे।