वन मंत्री सुबोध उनियाल ने राजपुर रोड स्थित राज्य वन मुख्यालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक ली। Review of the work of the Forest Department बैठक के दौरान उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए ठोस और समयबद्ध कार्य योजना पर अमल करने, शीतकालीन पर्यटन के लिए एसओपी तैयार करने, विभागीय कार्याे को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा करने और वनाग्नि की रोकथाम के लिए अभी से तैयारियां करने के निर्देश दिए। वन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए और स्थानीय लोगों के साथ समन्वय बढ़ाकर मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को न्यूनतम किया जाए। साथ ही उन्होंने वन सुरक्षा, संरक्षण और विकास से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। वन मंत्री ने कहा कि शासन स्तर पर जो भी निर्णय लिए जा रहे है उनको प्रभावी ढंग से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
वन मंत्री ने कहा कि वन्यजीवों की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में कैमरों के माध्यम से निरंतर निगरानी रखें, साथ ही स्थानीय स्तर पर जन प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के साथ अपना संवाद मजबूत रखें। पम्पलेट, बैनर, होर्डिग्स एवं सोशल मीडिया के माध्यमों से वन्य जीवों से बचने के लिए आम नागरिकों को जागरूक करें। आबादी क्षेत्रों से जानवरों को दूर भगाने के लिए आधुनिक उपकरणों सहित सोलर लाइट, पिंजरा इत्यादि उपकरणों का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए। कहीं पर भी मानव-वन्यजीव संघर्ष होने पर एसडीओ एवं डीएफओ तत्काल मौके पर जाए। मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में हक-हकूक समय सारिणी एवं स्वीकृति प्रक्रिया की शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कीड़ा जड़ी संरक्षण, विपणन एवं वानिकी उत्पादन बढ़ाने हेतु ठोस कार्ययोजना के तहत काम करने को कहा। उन्होंने नर्सरी वृक्षारोपण योजना के एक्शन प्लान को विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने तथा ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। साथ ही पेड़ों की प्रजाति को छूट देने तथा पेड़ काटने की अनुमति की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने हेतु ऑनलाइन सुविधा को शीघ्र बहाल करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।