पौड़ी गढ़वाल: विकासखंड पाबौ के सपलोड़ी गांव के समीप हाल ही में पिंजरे में कैद हुए एक गुलदार को आक्रोशित ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया। इस बीच गुलदार की मौत हो गई। पिंजरे में गुलदार को आग लगाकर मार दिए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गुलदार प्रभावित क्षेत्र के लोगों से मिलने पहुंचे। गुलदार हमले में मृत हुई दो महिलाओं के परिजनों से मिलकर दुःखद घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की।
हरदा ने परिवार को हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया वहीँ इस दौरान सपलोड़ी गांव के ग्रामीणों ने हरीश रावत से मिलकर 150 ग्रामीणों पर वन विभाग द्वारा दर्ज किए गए मुकदमो को निरस्त करवाने के लिए उनकी पैरवी सरकार से करने की मांग भी की। ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग ने सपलोड़ी गांव के 150 ग्रामीणों पिंजड़े में कैद गुलदार जिंदा जलाने की धाराओं में दर्ज हुए मुकदमो को निरस्त करवाने के लिए हरीश रावत से उनकी पैरवी करने की मांग की।
ग्रामीणों की माने तो गुलदार के पिंजड़े में कैद होने के बाद किसी अन्य गांव के ग्रामीणों ने गुलदार को जिंदा जला डाला लेकिन मुकदमा सपलोड़ी गांव के ग्रामीणों पर हो गया जिस पर अब सपलोड़ी गांव के ग्रामीणों में मुकदमा निरस्त करवाना चाहते हैं। हरीश रावत ने बताया कि वे मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस रणनीति बने इसके लिए वे पहाड़ के भृमण पर हैं हरीश रावत ने बताया कि ग्रामीणों की बात को वे सरकार के समक्ष रखने का प्रयास भी करेंगे जबकि ग्रामीणों पर गुलदार को जिंदा जलाने के मुकदमे वापस हो इस बात को भी वे सरकार के समक्ष रखेंगे।