हाकम सिंह का करीबी बताए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ये बड़ा बयान, बोले- बेईमान कार्यकर्ता

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देहरादून: UKSSSC पेपर लीक मामले को लेकर अब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नया बयान सामने आया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एसटीएफ जांच को सही बताकर सीएम पुष्कर सिंह धामी की पीठ थपथपाई है। साथ ही कोचिंग सेंटरों की भूमिका की जांच का भी सुझाव दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अन्य राज्यों के नकल माफिया की भूमिका पाए जाने पर ही सीबीआई जांच की मांग को जायज माना है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह भी कहा कि हां हाकम सिंह भाजपा से जुड़ा था और पार्टी ने उसे जिला पंचायत चुनाव भी लड़ाया था। लेकिन हमारा एक कार्यकर्ता अगर बेईमान निकल गया तो पार्टी या सरकार ने उसका साथ नहीं दिया है।

सवाल है कि हाकम सिंह की भूमिका पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत या अन्य को आज ही क्यों नजर आई? फॉरेस्ट गार्ड भर्ती पेपर लीक होने पर भी सतर्क हुआ जा सकता था, क्या TSR या भाजपा हो पाई? त्रिवेंद्र राज में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। हरिद्वार में दस सेंटरों पर ब्लूटूथ आदि की मदद से नकल माफिया पेपर उड़ा ले जाता है। Us वक्त भी UKSSSC पेपर लीक कांड के मास्टर माइंड बताए जा रहे हाकम सिंह रावत का नाम आया था। यहां तक कि बताया गया कि मंगलोर में दर्ज एफआईआर में भी नाम आया लेकिन सत्ताधारी कैंप में हाकम के रसूख का असर रहा होगा कि गिरफ्तारी अब जब 2022 में हाकम का यूकेसीएसएससी पेपर लीक का नया कांड सामने आता है।

सवाल है कि आज जब अगस्त 2022 में हाकम के हाकिमों के चेहरे उसके साथ सोशल मीडिया में नुमाया हो रही तस्वीरों से नजर आ रहे तब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह की एसटीएफ जांच बढ़िया और सही दिशा में होने के कारण पीठ थपथपा रहे, तो क्या सालों बाद हो रही फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद राज्य की एसटीएफ को मोर्चे पर लगाकर TSR आज जो धामी कर रहे वह नहीं कर सकते थे? UKSSSC Paper Leak मामले का खुलासा होने के बाद से खुद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से लेकर डीजीपी अशोक कुमार तक जाने कितने हाईप्रोफाइल लोगों के साथ हाकम सिंह रावत नजर आ रहा है, क्या है बेहद खतरनाक संकेत नहीं देता है ?

चलिए आज तो मुद्दा गरम है और हाकम सलाखों के पीछे है लेकिन क्या गारंटी है कि जैसे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राज में हाकम हरिद्वार में हुए पेपर लीक कांड में बेदाग बच निकला था तो आगे नहीं छूट जाएगा? त्रिवेंद्र सिंह रावत से यह सवाल लगातार पूछा जाना चाहिए ही कि आज आप आखिर किस आधार पर कभी आयोग को भंग करने का मशविरा दे रहे, कभी हाकम सिंह रावत के बेईमान निकलने पर अफसोस जाहिर कर रहे। जबकि हाकम का रुतबा और दबदबा त्रिवेंद्र के जीरो टॉलरेंस राज में भी थमा नहीं था बल्कि और बढ़ता गया।