उत्तराखंड की राजनीति में ऐसा लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी सियासत के चतुर खिलाड़ी बनते जा रहे हैं! गैरसैण पर भले TSR चार साल में एक घोषणा से आगे न बढ़ें हों लेकिन गैरसैंण का राग अलापकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मुसीबत में तो डाला जा ही सकता है क्योंकि धामी भर्तियों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आक्रामक होकर घर और बाहर के विरोधियों के अरमानों पर पानी फेर चुके हैं। लिहाजा नई-नई पिच बनाकर बैटिंग करने के अभियान पर निकल चुके हैं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। इसके लिए स्थानीय जनता को प्रदेश के राजा को जगाना ही होगा। लोक निर्माण विभाग गैरसैण के रेस्ट हाउस में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में उन्होंने कहा कि गैरसैंण वाले जगाते रहो तभी राजा जगेगा। हमने जो लौ जलाई है उसमें ऊर्जा डाले रखना। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि राज्य की जनता की भावनों को समझते हुए उनकी सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है। अब उसको सजाना तथा सवारना गैरसैंण के हर नागरिक का कर्तव्य है।
रावत ने कहा कि जब उन्होंने विधानसभा में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी। तब उनके इस निर्णय पर तत्कालीन विधायक सुरेन्द्र नेगी, मुन्नी देवी एवं महेन्द्र भट् की आंखें छलक गई थीं। कहा कि धामी सरकार गैरसैंण को संवारने के लिए जरूर काम करेगी। त्रिवेंद्र ने कहा कि सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य आदि मूलभूति सुविधाओं को पहले से ज्यादा सुदृढ़ होंगी। खैर अब तिरदा के ताजा बयान पर हरदा ने चुटकी लेते कह दिया है कि अब जब गैरसैंण में बर्फ गिरेगी तो वे उपवास के दौरान अपने साथ एक मोड़ा आपका भी लगवा देंगे।