उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष रहते एस राजू और सचिव संतोष बडोनी के नकारापन और भ्रष्ट तंत्र से होनहार बेरोजगार युवाओं को नकल रहित पारदर्शी भर्ती परीक्षा का मौका दिलाने की मंशा के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग UKPSC को मौका दिया। भले आयोग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार बड़े बड़े दावे कर मीडिया में सुर्खियां बंटोरते रहे हों लेकिन एक पटवारी की परीक्षा में दिख गया है कि नकल रहित फूलप्रूफ परीक्षा कराने के आयोग और पुलिस प्रशासन के दावे कितने खोखले थे!
बीते रविवार को पटवारी लेखापाल को लेकर भर्ती परीक्षा कराई गई लेकिन परीक्षा आयोजन से पहले ही पर्चा लीक हो गया और लाखों में बिक गया। नकल माफिया ने UKSSSC की तर्ज पर ही UKPSC में भी एक विभीषण खोजा और पेपर उड़ा दिया। अब उत्तराखंड एसटीएफ ने मुख्य अभियुक्त के तौर पर UKPSC के सेक्शन ऑफिसर संजीव चतुर्वेदी सहित चार आरोपियों को दबोचा है। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार संजीव चतुर्वेदी के कब्जे से आउट प्रश्न पत्र की कॉपियां और पेपर बेचकर कमाए गए साढ़े 22 लाख रुपए बरामद किए गए हैं।
संजीव चतुर्वेदी परीक्षा कर रहे अति गोपन अनुभाग 3 में नियुक्त थे और उन्होंने वहां से एग्जाम से पहले ही पेपर चुराकर अपनी पत्नी रितु के मार्फत दूसरे आरोपी संजीव कुमार को उपलब्ध करा दिया। इसके एवज में संजीव कुमार ने रितु को मोटी रकम दी। परीक्षा से पहले पेपर लीक कराकर संजीव और उसके साथी राजपाल ने राजकुमार और अन्य के जरिए 35 अभ्यर्थियों को बांट दिया। इसके बाद यूपी के बिहारीगढ़ स्थित माया अरुण रिजॉर्ट और ग्राम सेठपुर लक्सर हरिद्वार के कई स्थानों पर अभ्यर्थियों को हल कराया। मेहनती बेरोजगार युवाओं के सरकारी नौकरी के सपनों पर नकल माफिया परीक्षा दर परीक्षा पेपर लीक कर डाका डाल रहा है और आयोगों की लापरवाही और पारदर्शी परीक्षा कराने की योजना धरी की धरी रह जा रही है।