Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु निकट भविष्य में पैदल यात्रा मार्ग पर नए अनुभव का अहसास करेंगे। केंद्रीय संस्कृति विभाग गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक के पैदल मार्ग पर चार शिव उद्यान (चिंतन स्थल) का निर्माण कराने जा रहा है। कैबिनेट ने इन चिंतन स्थलों के मानचित्र की स्वीकृति के लिए केदारनाथ विकास प्राधिकरण द्वारा लिए जाने वाले 75 लाख रुपये के शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया है। केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। मास्टर प्लान के तहत हो रहे कार्यों के बूते केदारपुरी एकदम नए कलेवर में निखर चुकी है। इसके साथ ही अब केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर भी सुविधाएं विकसित करने पर जोर दिया गया है।
इस कड़ी में केंद्रीय संस्कृति विभाग की ओर से छोटी व बड़ी लिनचोली, भीमबली समेत चार स्थानों पर शिव उद्यान (चिंतन स्थल) का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है। इन स्थलों में श्रद्धालु रुक कर अध्यात्म के रंग में तो रंगेगे ही, वे क्षेत्र की परिस्थिति के अनुरूप स्वयं को ढाल भी सकेंगे। केदारनाथ विकास प्राधिकरण ने इन स्थलों के मानचित्र के लिए 75 लाख रुपये का शुल्क निर्धारित किया था। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के आग्रह को देखते हुए कैबिनेट ने इसे माफ कर दिया। पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड के सभी जिलों में अब जिला पर्यटन अधिकारी (डीटीओ) की कमी नहीं रहेगी। कैबिनेट ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के ढांचे के पुनर्गठन एवं अतिरिक्त पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परिषद के मुख्यालय व जनपदीय ढांचे को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत वर्तमान में सृजित 269 पदों में 37 पद (12 मुख्यालय व 25 जिला कार्यालय) की वृद्धि करने और चतुर्थ श्रेणी के पांच-पांच पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखने की कैबिनेट ने अनुमति दी है।