शुक्रवार से सावन के शुरू होते ही कांवड़ मेले की शुरुआत हो गई है। कांवड़ उठाने से पहले कांवड़िए गंगा में स्नान करते हैं। कई बार देखने को मिलता है कि गंगा के जलस्तर या गहराई का सही अंदाजा कांवड़ियों को नहीं हो पाता। Kanwariya Drowned Ganga जिसके कारण वो दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। जिसे देखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से घाटों पर एसडीआरएफ, जल पुलिस, पीएसी के जवान तैनात हैं, जो ऐसी घटनाओं पर नजर बनाए रखते हैं। गंगा में नहाते समय डूब रहे चार कांवड़ यात्री बाल-बाल बच गए। पानी के तेज बहाव में बहते यात्रियों को मौके पर तैनात एसडीआरएफ की टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए सुरक्षित बाहर निकाल लिया। पहली घटना चमगादड़ टापू के पास की है। यहां सुबह 3 कांवड़िए गंगा में स्नान करते हुए पानी की धारा में बह गए। मौके पर तैनात एसडीआरएफ की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गंगा में छलांग लगाकर तीनों को बचा लिया।
SDRF उत्तराखंड पुलिस की टीम ने दिखाई सतर्कता- कांवड़ मेले के दौरान अलग-अलग घटनाओं में कांगड़ा घाट पर नहाते समय 06 कांवड़ियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित किनारे निकाला गया।#sdrfuttarakhand #UttarakhandPolice #kanvadmela2025 #waterescue pic.twitter.com/8TRBfyEDIS
— SDRF Uttarakhand Police (@uksdrf) July 10, 2025
दूसरी घटना प्रेम नगर आश्रम घाट की है। यहां ड्यूटी के दौरान एसडीआरएफ की डीप डाइविंग टीम ने घाट पर एक श्रद्धालु को गंगा में डूबते देखा। जिस पर एसडीआरएफ के रेस्क्यूर कॉन्स्टेबल नवीन कुमार और कॉन्स्टेबल सागर कुमार ने तत्परता दिखाते हुए बिना समय गंवाए गहरे पानी में उतरकर युवक तक पहुंच बनाई और उसे बचा लिया। वहीं, उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी युवक को सुरक्षित रेस्क्यू कर बचा लिया है। गौर हो कि कांवड़ मेला 2025 के अंतर्गत एसडीआरएफ के जवान जगह-जगह तैनात किये गये हैं। एसडीआरएफ के उप निरीक्षक पंकज खरौला ने बताया कि मेले के दौरान सभी प्रमुख घाटों पर उनकी टीमें तैनात हैं। लगातार सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने कांवड़ यात्रियों से अपील की है कि वह केवल चिह्नित और सुरक्षित घाटों पर ही स्नान करें।