उत्तराखंड उपचुनाव में गहतोड़ी के लिए खास क्या?
कैलाश गहतोड़ी ने सीएम धामी के लिए अपनी सीट की कुर्बानी दे दी। लेकिन उनकी ये कुर्बानी जाया नहीं जाएगी, बल्कि लग रहा है जैसे सरकार उनकी इस कुर्बानी के लिए उन्हें खास इनाम देने की तैयारी में है। जी हां धामी के लिए सीट छोड़ने वाले विधायक कैलाश गहतोड़ी को जल्द एक बड़ा इनाम दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि उनका राजनीतिक ग्राफ भी ऊंचा किया जा सकता है।
सियासी जानकार मान रहे हैं कि विधायिकी छोड़ने के बाद अब कैलाश गहतोड़ी को कोई अहम पद या फिर कोई अहम जिम्मेदारी सरकार की तरफ से सौंपी जा सकती है। 22 साल के उत्तराखंड में चार विधायकों ने अब तक सीएम के लिए अपनी कुर्सी छोड़ी है और सभी को हमेशा कोई ना कोई राजनीतिक लाभ जरूर मिला है। तो भाई क्यों कैलाश गहतोड़ी इस राजनीतिक लाभ से वंचित रह जाएं।
सीट छोड़ने वालों को इनाम पक्का
- साल 2002 में योगंबर सिंह रावत ने सीट छोड़ी थी तो उन्हें उत्तराखंड वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था।
- साल 2007 में टीपीएस रावत ने सीट छोड़ी थी तो वो बीसी खंडूड़ी की खाली हुई पौड़ी सीट से सांसद बने थे।
- साल 2012 में किरन मंडल ने सीट छोड़ी थी तो उन्हें कुमाऊं मंडल विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था।
- 2014 में हरीश धामी ने सीट छोड़ी थी तो उन्हें उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
- अब जब गहतोड़ी ने सीट छोड़ी है तो उन्हें भी कोई ना कोई अहम पद जरूर दिया जाएगा।
पांचवें विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल कर बीजेपी ने इस बार ऐतिहासिक जीत हासिल की है लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री धामी चुनाव हार गए लेकिन धामी क्योंकि प्रदेश के चुनाव की जीत के लिए श्रेय दिया गया तो ऐसे में उनका मान रखते हुए पार्टी नेतृत्व ने उन्हें ही सीएम कुर्सी पर बैठाया लेकिन इस कुर्सी पर बने रहने के लिए या तो उन्हें MLA या MLC होना जरूरी है। विधान परिषद उत्तराखंड में है नहीं तो फिर धामी को कहीं ना कहीं से चुनाव ही लड़ना होगा। ऐसे में धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले सबसे पहले कैलाश गहतोड़ी ही थे, जिन्होंने बिना देर करे अपनी चंपावत सीट सीएम धामी के लिए छोड़ दी। और क्योंकि चंपावत खटीमा से लगा हुआ भी है। खटीमा सीएम धामी की परंपरागत सीट रही है तो ऐसे में यहां धामी का प्रभाव भी अच्छा खासा है। जिससे उनके चुनाव जीतने की संभावनाएं भी ज्यादा हैं तो तय यही हुआ कि कैलाश गहतोड़ी की ही चंपावत सीट से उपचुनाव लड़ेंगे सीएम धामी। गहतोड़ी अपने विधायिकी पद से बकायदा इस्तीफा भी दे चुके हैं।
अब जब चुनाव लड़ने की बारी सीएम धामी की है तो उनके लिए ग्राम प्रधान संगठन प्रचार करेगा। बीजेपी के समर्थन में धामी को जीत दिलाने के लिए वोट मांगेगा। इस संबंध में ग्राम प्रधान संगठन के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात भी कर ली है और अभी से चुनाव प्रचार में जुटने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज सिंह तड़ागी के नेतृत्व में सीएम धामी से मिलने के बाद संगठन ने ये फैसला लिया है। संगठन का कहना है कि पुष्कर सिंह धामी के इस सीट से नुमाइंदगी करने से क्षेत्र को विकास के पंख लगेंगे। शिष्टमंडल में विद्या देवी, पुष्कर सिंह, सुरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, कमल सिंह आदि शामिल थे।
अब देखते हैं कि जब तैयारियां पूरी हो चुकी हैं तो सीएम पुष्कर सिंह धामी को चंपावत से कैसी जीत मिलती है वैसे आपको क्या लगता है क्या सीएम धामी चंपावत सीट से चुनाव जीत पाने में सक्षम होंगे। इस बारे में आपकी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।