केदारनाथ मंदिर में सोना या पीतल विवाद, गरमाई राजनीति, पर्यटन मंत्री ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश

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Kedarnath Gold Plating: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। तीर्थ पुरोहित के गंभीर आरोप के बाद अब इस मुददे पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल को जांच के आदेश दिए हैं। महाराज ने कहा, आस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। कहा, प्रसिद्ध चारधाम के तीर्थों पर विवाद खड़ा करना उचित नहीं है। महाराज ने कहा, केदारनाथ धाम की धार्मिक आस्था, पवित्रता और महत्ता के साथ खिलवाड़ करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। शीघ्र ही सच्चाई सबके सामने आएगी। कहा, जो कुछ भी जांच में आएगा, उसके आधार पर ही आगे कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सचिव धर्मस्व को जांच के आदेश दिए गए हैं।

महाराज ने स्पष्ट किया कि किसी भी आरोप को प्रथम दृष्टया सही नहीं कहा जा सकता। जिस श्रद्धालु ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए सोना दान किया है, उसी श्रद्धालु के माध्यम से अपने स्वर्णकारों के माध्यम से सोने की परतें चढ़ाने का काम कराया गया। इसमें किसी प्रकार के गबन या भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है। कहा, सोने की परत चढ़ाने को लेकर जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं। कहा, कुछ लोग सुव्यवस्थित और निर्बाध गति से चल रही चारधाम यात्रा को बदनाम कर बाधित करना चाहते हैं। विपक्ष भी इस मामले को अनावश्यक तूल देकर राजनीति करने का प्रयास कर रहा है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या आरोपों को सही नहीं कहा जा सकता। कारण यह कि जिस श्रद्धालु ने केदारनाथ मंदिर में सोना और तांबा दान किया, उसी ने वहां पूरा काम भी कराया है। इस कारण किसी भी प्रकार के गबन या भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है। अब अफवाह फैलाई जा रही हैं और कुछ व्यक्ति सुव्यवस्थित व निर्बाध गति से चल रही चारधाम यात्रा को बदनाम करना चाहते हैं। विपक्ष भी इस मामले को अनावश्यक तूल देने का प्रयास कर राजनीतिक रोटियां सेक रहा है। इस कारण उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं ताकि दोषियों को सजा दी जा सके।