केदारनाथ मंदिर में एक दानीदाता ने सोने का छत्र व कलश चढ़ाया है। गत वर्ष भी इन्हीं दानीदाता ने गर्भ गृह की चहारदीवारी पर सोने की परत चढ़ाई थी। इस बार भी बड़ी संख्या में देश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालुओं के केदारनाथ धाम के दर्शन को आने का अनुमान है। केदारनाथ मंदिर में स्वयं-भू शिवलिंग के ऊपर सोने का छत्र व कलश लगाया जाएगा। केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए 25 अप्रैल को खोले गए हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालू मंगलवार को बाबा केदरानाथ के दर्शन किए। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले दिन ही भारी बर्फबारी व कड़ाके की ठंड के बावजूद भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे। धाम में कपाट खुलने के दिन मंगलवार को पूरे दिन रुक-रुककर बर्फबारी होती रही और मौसम पल-पल रंग बदलता रहा। इससे अधिकतम तापमान दोपहर में भी माइनस चार डिग्री तक रहा। कड़ाके की ठंड में भक्तों में भोले बाबा के दर्शनों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
लिनचोली से केदारनाथ धाम तक पैदल मार्ग बर्फ से ढका हुआ है। यात्री बाबा के दर्शन के साथ ही बर्फ का भी आनंद ले रहे हैं। वहीं, पहले दिन ही हुई बर्फबारी से केदारपुरी चांदी जैसी चमक रही है। केदारपुरी के प्राकृतिक सौंदर्य का यात्री भरपूर आनंद ले रहे हैं। केदारनाथ में अधिकांश होटल व लाज मौसम खराब होने के कारण अभी तक नहीं खुले हैं। बड़ी संख्या में होटलों व लाज संचालकों का सामान गौरीकुंड में ही है। व्यापारी मौसम ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं जो व्यापारी केदारनाथ पहुंच गए हैं, वह अपने होटलों के आगे से बर्फ हटाने में जुटे हुए हैं। पर्यटन विभाग की ओर से केदारनाथ में भक्तों के दर्शनों के लिए टोकन व्यवस्था शुरू करने की बात कही थी। कपाट खुलने के दिन टोकन व्यवस्था शुरू नहीं हुई। इससे यात्रियों को दर्शनों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। बर्फबारी में भी यात्री अपनी बारी का इंतजार करते रहे।