सरकारी और अर्द्धसरकारी कर्मचारी उठा सकेंगे कैश क्रेडिट कर्मचारी ऋण का लाभ, लिमिट 25 से बढ़ाकर 35 लाख की

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राज्य सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। दरअसल, सहकारी बैंक की कैश क्रेडिट कर्मचारी निधि योजना का अब केंद्र और राज्य सरकार के सरकारी और अर्द्धसरकारी संस्थाओं निगमों और सहकारी समितियों में तैनात अधिकारी और कर्मचारी लाभ उठा सकेंगे। इसके साथ ही इस योजना के तहत सीसी लिमिट अधिकतम 25 लाख थी, जिसे बढ़ाकर 35 लाख रुपए कर दिया गया है। इस संबंध में सहकारिता निबंधक आलोक कुमार पांडे ने आदेश भी जारी कर दिया है।

दरअसल, सहकारी बैंक की ओर से चलाई जा रही कैश क्रेडिट कर्मचारी निधि योजना के तहत अभी तक जिला सहकारी/राज्य सहकारी बैंक के नियमित कर्मचारियों, अधिकारियों और पैक्स कैडर सचिवों को ही लाभ मिल रहा था। वहीं, निबंधक पांडेय ने कहा कि इस योजना का लाभ उसी कर्मचारी या अधिकारी को दिया जाएगा, जिनका वेतन बैंक की शाखा में जमा हो रहा होगा। साथ ही इस योजना का लाभ वही नियमित अधिकारी और कर्मचारी उठा पाएंगे जिन्होंने पिछले 2 साल की सेवा पूर्ण कर ली हो और उनकी कटौती कुल वेतन के 60 फीसदी से अधिक ना हो। इसके साथ ही इस योजना के तहत कर्मचारी को अधिकतम 35 लाख रुपए का लोन दिया जा सकता है। हालांकि इसकी गणना कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन के 35 गुना या फिर अधिकतम 35 लाख रुपए में जो भी कम होगा उसके अनुसार लोन दिया जाएगा।

दरअसल, पिछले साल सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने ऋण सीसी लिमिट को 25 लाख रुपए कर दिया था। जिससे सहकारी बैंक को बड़ा फायदा हुआ, अकेले डिस्ट्रीक्ट के पांच हजार कर्मचारियों को, को-ऑपरेटिव बैंक कोटद्वार ने एक अरब 60 करोड़ रुपए का सीसी लिमिट दिया गया। जिसके चलते प्रदेश के सभी को-ऑपरेटिव बैंक प्रॉफिट में आ गए। निबंधक पांडेय ने कहा कि अब सीसी लिमिट को 25 लाख से 35 लाख बढ़ाया गया है। जिससे ना सिर्फ कर्मचारियों को सुविधाएं मिलेंगी बल्कि को- ओपरेटिव बैंक भी इससे और मजबूत होगा. यही नहीं, शासन स्तर पर कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी, राजपत्रित एवं गैर राजपत्रित अधिकारी, ग्रुप वन के अधिकारी भी इसका लाभ उठा सकेंगे. दरअसल, उत्तराखंड राज्य में डिस्ट्रीक्ट को-ओपरेटिव बैंकों की ओर से कर्मचारियों को सबसे कम 9.75 फीसदी ब्याज दर पर लोन दिया जा रहा है।