जी हां दोस्तो न्यू देवभूमि में मौत बांटी जा रही है, न्यू देवभमि अपस्ताल का नाम है कैसे यहां हो गई बड़ी लपरवाही जिस पर बढ़ गया बवाल फिर पुलिस से भिड़ गए लोग तो डॉक्टर क्यों हो गया फरार। दोस्तो उत्तराखंड के हरिद्वार से आई इस बड़ी खबर ने सब को हिला दिया, जहां एक अस्पताल की लापरवाही ने एक परिवार की खुशियाँ मातम में बदल दीं। डिलीवरी के कुछ ही घंटे बाद प्रसूता महिला की मौत से भड़के परिजनों ने अस्पताल में किया जोरदार हंगामा, हालात ऐसे बने कि पुलिस को मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालनी पड़ी तो पुलिस क्यों पुलिस से भी भिड़ गए लोग। एक तरफ पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आंदोलन प्रदर्शन हो रहे थे। जब पहाड़ी इलाकों में रात को लोग जाग कर सरकार और सिस्टम को जगाने के लिए मशाल जुलूस निकाल रहे थे। तभी मैदानी जिले से आई खबर ने हिला कर रख दिया। एक तरफ सियासत पहाड़ मैदान में उलझ रही थी, तो दूसरी तरफ मैदानी जिले के अस्पताल में सिस्टम की लापरवाही के भेंट एक जिंदगी चढ रही थी। कैसे सिस्टम की लापरवाही ने फिर एक छीन ली ज़िंदगी।
दोस्तो प्रसूता महिला की डिलीवरी के बाद उसकी जिंदगी चली गई। महिला की मौत का जिम्मेदार परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही को बताते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं बल्कि अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के बड़े आरोप मढ दिये। परिजन अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए। दोस्तो ये ये इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि पहाड़ से लेकर मैदान तक की स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल कुछ इस तरह ही बेहाल है जिसके चलते अभी तक कई सारी प्रसूताएं जिंदगी की जंग हार चुकी है। अब ये तस्वीर हरिद्वार जिले से आई है। यानि प्रदेश का वो मैदानी जिला जहां पर तमाम तरह के संसाधनों के होने की बात की जाती है, लेकिन लक्सर क्षेत्र के भोगपुर गांव की रहने वाली 22 वर्षीय आरती की जिंदगी को हमारा सिस्सटम बचा नहीं सका। खबर को थोड़ा समझिएगा दोस्तो, प्रसव पीड़ा के कराह रही महिला को राजकीय महिला चिकित्सालय लेकर पहुँचे ,जहाँ पर चिकित्सको ने आरती को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन उसे हरिद्वार कॉलोनी के न्यू देवभूमि अस्पताल लेकर पहुंचे। इस दौरान अस्पताल के प्रबंधन ने पहले उनसे ₹40000 की मांग की और कुछ समय बाद फीस बढाकर 65,000 रुपये कर दी।
दोस्तो गजब है ना जहां एक तरफ प्रदेश रजत तयंती की रोशनी में नहा रहा है। वहीं दूसरी अपस्तालों की न जाने कितने लोगों के घर को अंधोरे डूबा रही है। दोस्तो इतना ही नहीं पैसे की व्यवस्था के बीच ही आरती का ऑपरेशन कर दिया गया ,जहां पर बच्चे की डिलीवरी तो सुरक्षित तरीके से कर ली गई, लेकिन उसके बाद आरती की हालत बिगड़ने लगी जिसे आईसीयू में भर्ती किया गया। आईसीयू में भर्ती होने के बाद आरती की स्थिति में कुछ सुधार नहीं हुआ जिसके कारण कुछ घंटे में ही प्रसूता की मौत हो गई। आरती की मौत की खबर सुनते ही उसके परिजन गुस्सा हो गए जिन्होंने अस्पताल में जमकर बवाल किया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन से लोगों ने बात करने का प्रयास किया लेकिन सभी डॉक्टर और स्टाफ अस्पताल छोड़कर भाग गए। जिससे आरती के परिजन व ग्रामीणों को धरने पर बैठना पड़ा। दोस्तो जैसे ही इस घटना की जानकारी पुलिस प्रशासन को मिली तो वह तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे। पुलिस प्रशासन ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन इस दौरान परिजनों और पुलिस के बीच नोकझोंक हो गई। पुलिस प्रशासन द्वारा जैसे तैसे आरती के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
अब दोस्तो पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है वहीं अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। इधर आपको ये भी बता दूं दोस्तो हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के अनुसार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच टीम गठित की है। इसके साथ ही अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर को भी सील कर दिया गया है। इस मामले मे जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब सवाल कर्रवाई तक नहीं रह गया है। दोस्तो इस जंग लगी व्यवस्था पर बीते 25 साल ये सवाल दर सवाल होते जा रहे हैं, लेकिन सवालों के जवाब अब तक नहीं पाया है। फिर एक खबर जहां अस्पताल की लापरवाही ने दे ली एक और जान, ऐसा ना जाने कब तक चलेगा पता नहीं।