जी हां दोस्तो बस हाथ मलता रह गया विभाग, एक ऐसा विभाग जिसकी भूमिका मौजूदा वक्त में सबसे बड़ी है। उसकी प्लानिंग कैसे जंगल का शिकारी चकमा दे गया बल। कैसे पिंजरे में रखे शिकार को चट कर गुलदार हुआ चंपत, वो कौन सी वजह थी जिस वजह से हाथ मलते रह गया वन महकमा। दोस्तो एक तरफ पहाड़ी ग्रामीण इलाकों में गुलदार का आंतक, दूसरी तरफ फेल हो रही वन विभाग की प्लानिंग। दोस्तो एक बड़ी लापरवाही से हजारों लोगों की जान पर बन आई और बस देखता रह गया हमारा जिम्मेदार विभाग, दोस्तो बड़ी गजब की खबर है। दोस्तो पौड़ी में आदमखोर गुलदार को मौत के घाट उतार दिया गया तो लोगों ने राहत की सांस ली और जिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल हो रहे थे, उन पर थोड़ा विराम सा लगा लेकिन इस खबर ने एक बार फिर वन विभाग को सवालों के छाल में फंसा गया एक गुलदार। दोस्तो बीते दिन चंपावत जिले के लोहाघाट तहसील के बाराकोट ब्लॉक के धरगड़ा गांव। जहां घर से शौच को निकले स्थानीय व्यक्ति को गुलदार ने शिकार बनाया था। जिसके बाद गांव में दहशत का माहौल है। वहीं वन विभाग द्वारा आदमखोर गुलदार को ट्रैप करने के लिए जगह-जगह पिंजरे लगाए गए हैं, लेकिन दोस्तो इतने इनतजाम के बाद भी वन विभाग को उस वक्त मायूसी हाथ लगी जब पिंजरे के शिकार को तो गुलदार चट कर गया, लेकिन पिंजरे के लॉक ना हो पाने की वजह से शिकार को खाकर गुलदार भाग निकला।
दरअसल दोस्तो चंपावत जिले के बाराकोट ब्लॉक धरगड़ा गांव में आदमखोर गुलदार ने एक सख्स को अपना निवाला बनाया। उसके बाद विभाग की गुलदार को पकड़ने की प्लानिंग, वो प्लानिंग फेल हो गई। दोस्तो घटना के बाद गुलदार पकड़ने की सफलता मात्र एक कदम दूर रह जाने से वन विभाग को मायूसी हाथ लगी है। स्थानीय लोगों के अनुसार वन विभाग के द्वारा लगाए गए पिंजरे में घुसकर आदमखोर गुलदार ने रखे शिकार को जहां चट कर दिया, पर पिंजरे का दरवाजा बंद नहीं हो पाया। जिस कारण आदमखोर शिकार को चटकर पिंजरे से वापस बाहर निकल आया और आदमखोर पिंजरे में कैद होने से बाल बाल बच गया। दोस्तो जब सुबह ग्रामीण पिंजरे के पास पहुंचे तो उन्हें पिंजरे का दरवाजा आधा खुला नजर आया और अंदर रखे हुए शिकार को गुलजार चट कर गायब था। वहीं लोगों ने कहा वन विभाग के द्वारा ऐसे पिंजरे लगाए गए, जिनमें दरवाजे तक बंद नहीं हो पा रहे हैं। अगर पिंजरा बंद हो गया होता तो क्षेत्र वासियों को आदमखोर गुलदार से मुक्ति मिल जाती। दोस्तो इस घटना पर लोगों में गहरी नाराजगी भी देखने को मिल रही है। वहीं इधर बात अगर वन विभाग की करूं तो .राजेश जोशी, रेंजर काली कुमाऊं कहते हैं कि वन विभाग के द्वारा आदमखोर गुलदार को पकड़ने के लिए पूरे प्रयास किया जा रहे हैं। क्षेत्र में वनकर्मियों के द्वारा गश्त की जा रही है।
घटनास्थल के आसपास आदमखोर गुलदार को पकड़ने के लिए तीन पिंजरे लगाए गए है। वहीं दोस्तो रेंजर काली कुमाऊं राजेश जोशी ये भी कहते दिखाई दिए कि दुर्भाग्य रहा कि पिंजरे के अंदर गुलदार के घुसने के बावजूद दरवाजा बंद नहीं हो पाया। उन्होंने कहा उनके पूरे प्रयास हैं कि आदमखोर गुलदार को जल्द से जल्द पिंजरे में कैद किया जाए, इसके लिए उनके द्वारा पूरे प्रयास किया जा रहे हैं। रेंजर जोशी ने आदमखोर गुलदार के पकड़े जाने तक लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। दोस्तो वहीं दूसरी ओर आदमखोर के आजाद घूमने से पूरे क्षेत्र में दहशत बनी हुई है। जनता शासन प्रशासन से जल्द से जल्द गुलदार को पकड़ने या आदमखोर घोषित कर गोली मारने की मांग कर रही है। इसके अलावा एक जानकारी कि गुलदार के खौफ को देखते हुए इलाके के स्कूल बच्चों को सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल टाइम को फिलहाल बढ़ा दिया गया है। वन विभाग द्वारा एक बार फिर पिंजरे के माध्यम से गुलदार को ट्रैप करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं, ताकि स्थानीय लोग गुलदार की दहशत से मुक्त हो सकें। दोस्तो चंपावत में पिंजरे में रखे शिकार को खा जाने के बाद गुलदार के फरार होने की घटना ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है। अधिकारियों ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा, ग्रामीणों से भी अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और वन्य जीवों के करीब न जाएँ, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना दोबारा न हो।