रुद्रप्रयाग में गुलदार की दहशत, आंगन में खेल रही तीन साल की मासूम को बनाया निवाला

उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन आदमखोर गुलदार द्वारा ग्रामीणों हमला करने की खबरें सुनने को मिलती रहती है। बृहस्पतिवार शाम तीन साल की बच्ची को आंगन से उठा ले गया।

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Guldar terror in Rudraprayag, रुद्रप्रयाग जिले में गुलदार की धमक कम होने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन जंगली जानवरों खासतौर पर आदमखोर गुलदार, तेंदुए और बाघ द्वारा ग्रामीणों और उनके परिजनों पर हमला करने की खबरें सुनने को मिलती रहती है। गुरुवार को बच्छणस्यूं पट्टी के गहड़खाल गांव के विनोद लाल की तीन साल की बेटी मिस्टी अपनी दादी के साथ घर के आंगन में खेल रही थी। तभी घात लगाए गुलदार ने बच्ची पर झपटा मार कर उठा ले गया। दादी के चीख पुकार और हल्ला मचाने से लोग मौके पर पहुंचे और गुलदार के पीछा किया। इसके बाद गुलदार बच्ची को झाड़ियों में छोड़कर भाग गया, लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। इस घटना के बाद से पूरे गांव में दहशत का माहौल है।

बताया जा रहा घटना घटना बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे की है। ढाई साल की बेटी मिष्ठी अपने घर के आंगन में खेल रही थी। उसकी दादी कुछ दूरी पर बैठी थी, जबकि मां अपने चार माह के बेटे के साथ कमरे में थी। इसी दौरान घात लगाकर बैठे गुलदार ने मिष्ठी पर हमला कर दिया और उसे जबड़े में दबाकर वहां से भागने लगा। दादी के शोर मचाने पर बच्ची की मां ने गुलदार के पीछे दौड़ लगा दी। यह देख खेतों में काम कर रहे ग्रामीण भी शोर मचाते हुए पीछे दौड़े तो गुलदार करीब 500 मीटर दूर झाड़ियों में मिष्ठी को छोड़ कर भाग गया। लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी।