हल्द्वानीः वनभूलपुरा में रेलवे भूमि से अतिक्रमणकारियों को हटाने के मामले में आज का दिन काफी अहम है। रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के विरोध में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आगे की कार्रवाई टिकी है। रेलवे के मुताबिक उसकी जमीन पर 4365 परिवारों ने अतिक्रमण किया हुआ है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से मामले का जिक्र किए जाने के बाद इसे सुनवाई के लिए स्वीकार किया।इधर, मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार से सकारात्मक कदम उठाने की मांग की है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश की अगुवाई में वहां के रहने वाले लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके साथ ही प्रशांत भूषण की ओर से भी याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को जोड़ते हुए गुरुवार को सुनवाई करने को कहा है। पांच जनवरी को शीर्ष अदालत में जस्टिस संजय किशन कौल एवं जस्टिस अभय एस ओका की खंडपीठ सुबह 10.30 बजे मामले की सुनवाई करेगी। इधर, इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी है।
वहीं, इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मामला न्यायालय के अधीन है। ऐसे में अभी उस कुछ कहना जल्दबाजी होगा। सीएम धामी ने कहा कि जो भी कोर्ट का फैसला होगा, वह सर्वमान्य होगा और सरकार उस फैसले पर अमल करेगी। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के द्वारा इस मामले पर आज किए गए मौन उपवास पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी लोगों को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। धामी सरकार भी उसी राह पर चलने का काम करती है।