उत्तराखंड सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी दीप्ति रावत और उनके करीबियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ED ने जमीन घोटाले के एक बड़े मामले में देहरादून की PMLA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। वहीं शनिवार को हरक सिंह रावत ने प्रेस वार्ता कर अपना पक्ष रखा। हरक सिंह रावत ने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया। हरक सिंह रावत बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अगर इस केस में वह दोषी साबित होते हैं तो वह राजनीति से सन्यास ले लेंगे यही नहीं हरक सिंह रावत ने ईडी के अधिकारियों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह उन्हें बेवजह पुराने केस में परेशान किया जा रहा है उसका अंजाम ईडी के अधिकारी जरूर भुगतेंगे।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने मोदी सरकार पर एक बार फिर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर वह भारतीय जनता पार्टी में आज भी होते तो उनके साथ शायद इस तरह का बर्ताव नहीं होता लेकिन क्योंकि उन्होंने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है उन्होंने यह भी कहा कि ईडी के अधिकारियों ने विपक्ष के नेताओं पर जितने केस दर्ज किए हैं उसमें से केवल दो केस ऐसे हैं जिसमें दोषियों को सजा हुई है जो ईडी पर सवाल खड़े करता है। हरक सिंह रावत ने कहा कि वह इस मामले को न्यायालय में पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे और जब वह न्यायालय से दोष मुक्त हो जाएंगे, तब वह मानहानि के रूप में षड्यंत्रकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे।