देहरादून: उत्तराखंड में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर भर्ती रैली जारी है, लेकिन इस भर्ती रैली को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अग्निवीरों की भर्ती को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के नाम से प्राइवेट आर्मी के लिए रिक्रूट तैयार किए जा रहे हैं। आखिर अग्निवीर योजना हमारी सेना का विकल्प कैसे हो सकता है? उन्होंने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अग्निवीर भर्ती पर सवाल उठाए हैं, लेकिन असली बधाई की पात्र तब होंगे, जब खुद सतपाल महाराज कहेंगे कि अग्निपथ योजना बेकार है।
दरअसल कोटद्वार सेना भर्ती में भाग लेने पहुंचे युवाओं ने अनियमितता का आरोप लगाया है। युवाओं का कहना है कि भर्ती मानक की ऊंचाई 163 सेंटीमीटर रखी गई थी, जबकि 165 सेंटीमीटर से ज्यादा हाईट वालों को ही भर्ती में ले रहे हैं। साथ ही एक बार में 300 अभ्यर्थियों को दौड़ाया जा रहा है। जिसमें से केवल 8 से 10 अभ्यर्थी को ही लिया जा रहा है। जबकि, कोरोनाकाल के बाद उत्तराखंड में सेना की भर्ती हो रही है। भर्ती में मानकों की अनदेखी की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह अग्निपथ नहीं बल्कि बर्बादी का पथ है। अग्निपथ योजना उत्तराखंड की पहचान मिटाने का बड़ा षड़यंत्र है। अगले दस साल बाद कुमाऊं रेजीमेंट, गढ़वाल रेजीमेंट और गोरखा रेजीमेंट हमारी बहादुरी के इतिहास के साथ जुड़ी हुई हैं। जो इतिहास की बातें हो जाएंगी। यह रेजीमेंट अग्निपथ में सभी समाहित हो जाएंगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि सतपाल महाराज ने अग्निवीर भर्ती को लेकर वाजिब सवाल उठाए हैं। भर्ती में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले ही अग्निवीर योजना ने उत्तराखंड का मूड खराब कर दिया है। क्योंकि, हमारे प्रदेश में गढ़वाल और कुमाऊं रेजीमेंट का घर है।