Uttarakhand Congress: कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कहकर संबोधित किए जाने वाले बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने करारा हमला किया है। अब इस विवाद को लेकर हरीश रावत ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी अनायासी महामहिम माननीया राष्ट्रपति जी के लिए राष्ट्रपत्नी शब्द का प्रयोग कर बैठे और समझ में आने के बाद अपनी गलती को उन्होंने सुधारा और जब स्वयं उस चैनल तक भी पहुंचने की कोशिश की जिस चैनल में उनका बयान दिखाया जा रहा था।
स्वयं कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा अधीर रंजन माफी मांग चुके हैं, उसके बाद बार-बार इस प्रश्न को उठाना और सड़कों पर प्रदर्शन करना और बड़े-बड़े नेताओं द्वारा बयान जारी करना, कहां तक उचित है! अधीर रंजन एक अहिंदी भाषी व्यक्ति हैं, उन्होंने अंग्रेजी में बोलने के बजाय हिंदी में बोलना उचित समझा और अपने इस प्रयास में उनसे भाषा व्याकरण में गलती हो गई, समझ में आने पर उन्होंने उसको सुधारा। महामहिम के प्रति अशिष्टता या अभद्रता, न उनका उद्देश्य था और न किसी का उद्देश्य हो सकता है।
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू हमारे देश की सम्मानित राष्ट्रपति हैं और हम सब उनकी जन्म की पृष्ठभूमि को लेकर अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं कि एक आदिवासी महिला आज हमारे देश की राष्ट्रपति हैं और यह सम्मान हमारे संविधान ने उनको दिलवाया है। हम उस संविधान को भी प्रणाम करते हैं। मगर एक तरफ हम चाहते हैं कि लोग हिंदी के प्रति सम्मान जाहिर करें, हिंदी का उपयोग करें, अहिंदी भाषी लोग भी हिंदी में बोलें और दूसरी तरफ हम उनके व्याकरण आदि की गलतियों पर तूफान खड़ा करेंगे तो इससे कोई अच्छा दूरगामी संदेश नहीं जाएगा। अहिंदी भाषी लोग जो हिंदी में बोलने का प्रयास कर रहे हैं वह इससे हतोत्साहित होंगे।
हरिश रावत ने तोड़ी चुप्पी, ‘राष्ट्रपत्नी टिप्पणी’ को लेकर भड़के विवाद के बीच दिया ये बयान
Uttarakhand Congress: कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कहकर संबोधित किए जाने वाले बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने करारा हमला किया है। अब इस विवाद को लेकर हरीश रावत ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी अनायासी महामहिम माननीया राष्ट्रपति जी के लिए राष्ट्रपत्नी शब्द का प्रयोग कर बैठे और समझ में आने के बाद अपनी गलती को उन्होंने सुधारा और जब स्वयं उस चैनल तक भी पहुंचने की कोशिश की जिस चैनल में उनका बयान दिखाया जा रहा था।
स्वयं कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा अधीर रंजन माफी मांग चुके हैं, उसके बाद बार-बार इस प्रश्न को उठाना और सड़कों पर प्रदर्शन करना और बड़े-बड़े नेताओं द्वारा बयान जारी करना, कहां तक उचित है! अधीर रंजन एक अहिंदी भाषी व्यक्ति हैं, उन्होंने अंग्रेजी में बोलने के बजाय हिंदी में बोलना उचित समझा और अपने इस प्रयास में उनसे भाषा व्याकरण में गलती हो गई, समझ में आने पर उन्होंने उसको सुधारा। महामहिम के प्रति अशिष्टता या अभद्रता, न उनका उद्देश्य था और न किसी का उद्देश्य हो सकता है।
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू हमारे देश की सम्मानित राष्ट्रपति हैं और हम सब उनकी जन्म की पृष्ठभूमि को लेकर अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं कि एक आदिवासी महिला आज हमारे देश की राष्ट्रपति हैं और यह सम्मान हमारे संविधान ने उनको दिलवाया है। हम उस संविधान को भी प्रणाम करते हैं। मगर एक तरफ हम चाहते हैं कि लोग हिंदी के प्रति सम्मान जाहिर करें, हिंदी का उपयोग करें, अहिंदी भाषी लोग भी हिंदी में बोलें और दूसरी तरफ हम उनके व्याकरण आदि की गलतियों पर तूफान खड़ा करेंगे तो इससे कोई अच्छा दूरगामी संदेश नहीं जाएगा। अहिंदी भाषी लोग जो हिंदी में बोलने का प्रयास कर रहे हैं वह इससे हतोत्साहित होंगे।