उत्तराखंड में बहुचर्चित स्टिंग मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है। स्टिंग प्रकरण में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत दो मौजूदा विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट को नोटिस जारी किया है। आज भी सीबीआई के अधिकारी नोटिस देने उनके घर पहुंचे। जिसकी जानकारी खुद हरीश रावत ने दी है। साथ ही मामले पर फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी है। यह प्रतिक्रिया उन्होंने सीबीआई के अधिकारियों के उनके घर पर पहुंचने को लेकर दी है। यह जानकारी हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर साझा की है। हरीश रावत का कहना है कि वो सीबीआई के नोटिस के संबंध में पूरा सहयोग करेंगे। जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे कोर्ट के विभिन्न स्तरों पर तर्क वितर्क सामने आएंगे।
हरदा का कहना है कि उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं और बीजेपी ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है। साथ ही एक भ्रम पैदा किया है। वो बातें उनके जीवन के सार्वजनिक जीवन के हित में हैं, उसकी पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों, लेकिन सीबीआई जल्दी में है। आज सुबह जब वो कुछ दोस्तों को ईद की मुबारकबाद देने गए थे तो उस वक्त सीबीआई के अधिकारी नोटिस लेकर पहुंच गए। हालांकि वो घर पर नहीं थे। अब उन्होंने निश्चय किया है कि वो खुद आमंत्रित करेंगे। बता दें कि साल 2016 में उत्तराखंड की तत्कालीन हरीश रावत की कांग्रेस सरकार में राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए सरकार के अपने ही 9 विधायक बागी हो गए थे। इन विधायकों में विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, शैला रानी रावत, उमेश शर्मा, शैलेंद्र मोहन, अमृता रावत, सुबोध उनियाल, प्रदीप बत्रा शामिल थे। इनके बगावती तेवरों की आंच इतनी बढ़ गई थी कि इसकी तपिश दिल्ली तक पहुंची। नजीजतन उत्तराखंड में 3 महीने तक उहापोह की स्थिति बनी रही। आखिरकार उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा।