देहरादून: अंकिता हत्याकांड मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक बार फिर से आक्रामक मोड में आ गए हैं। इसी कड़ी में हरीश रावत देहरादून के गांधी पार्क में अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए 24 घंटे के धरने पर बैठे हैं। इस दौरान हरीश रावत ने अंकिता हत्याकांड मामले में वीआईपी के खुलासे की मांग की। साथ ही हरीश रावत ने अंकिता भंडारी केस को लेकर हो रही राजनीति पर भी सवाल खड़े किए। इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि वनंतरा प्रकरण में बेटी को न्याय मिलना चाहिए। कहा कि वनंतरा रिसार्ट में वीआइपी को लेकर राज्य सरकार के मंत्री का जो बयान आगे आया है, वह भविष्य में मुकदमे को प्रभावित कर सकता है।
हरीश रावत ने कहा कि वनंतरा रिसार्ट की रिसेप्शनिस्ट ने वाट्सएप चेटिंग में कहा है कि उस पर रिसार्ट में वीआइपी को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव डाला जा रहा था। इस संबंध में वीआइपी की उपस्थिति गंभीर मामला है। गांधी पार्क में धरना दे रहे हरीश रावत ने कहा अंकिता भंडारी केस में जांच किसकी हो रही है और पुख्ता जांच को लेकर जनता को विश्वास होना चाहिए। क्योंकि इस समय जनता के विश्वास डगमगा हुआ है। इसीलिए उन्होंने तय किया कि 26 दिसंबर 12 बजे से 27 दिसंबर 12 बजे तक 24 घंटे का धरना गांधी पार्क में दे रहे है। अंकिता हत्याकांड से जुड़े जितने पहलू हैं, वो साफ नहीं है। मामले में अदृश्य वीआईपी कौन है, जिसको हमारी पुलिस ट्रेस नहीं कर पा रही है। उसको भी कानून के शिकंजे में लाया जाए।