देहरादून: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा केंद्र की मोदी सरकार के लिए संकट का सबब बनी हुई है तो उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आए दिन धामी सरकार के खिलाफ हल्लाबोल कर रहे हैं। कभी पहाड़ की बेटी अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने और वनंतरा रिजॉर्ट के वीआईपी के नाम का खुलासा करने की मांग के साथ गांधी पार्क के सामने खुले आसमान तले 24 घंटे का धरना तो कभी कैंडल मार्च! एक समय हरदा सीएम धामी की तारीफ में कसीदे भी पढ़ रहे थे लेकिन बीते कुछ दिनों में एक के बाद एक मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री राज्य सरकार पर सबसे तीखा हमला बोल रहे।
आज तीन जनवरी को इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत ने बेरोजगारों के प्रति भावनात्मक एकता प्रकट करने के उद्देश्य से नंगे पाव पदयात्रा निकाली। इस दौरान उनके सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे। हरीश रावत ने देहरादून के डिस्पेंसरी रोड स्थित राजीव गांधी की प्रतिमा से अपनी पदयात्रा की शुरुआत की। उन्होंने इस दौरान घंटाघर स्थित स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। हरीश रावत ने बढ़ती बेरोजगारी पर भी सरकार को निशाने पर लिया।
उन्होंने कहा कि आज सरकार बेरोजगार नौजवानों को भटका रही है। प्रदेश सरकार की नीतियों से नौजवान भटक रहे हैं और यह नौजवान सरकार की अवहेलना के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 85 हजार के करीब पद रिक्त हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कोई कदम इन रिक्तियों को भरने में नहीं उठाया जा रहा है। हरीश रावत ने कहा कि पिछले साल जितनी नौकरियां लगी नहीं उससे ज्यादा नौजवान निकाल दिए गए। इधर जिन लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ परीक्षाएं दी थी, वह परीक्षा या तो रद्द हो गई, या फिर वह नौजवान नौकरी की उम्मीद में लटके पड़े हैं। उन्होंने उपनल कर्मी, दैनिक वेतन भोगी, अंशकालिक शिक्षकों का मसला उठाते हुए कहा कि यह लोग पिछले 6 साल से सरकार की अवहेलना का शिकार हैं।