क्या उत्तराखंड की परिक्षाएं अब नकल माफियाओं के रहमोकरम पर हैं? पेपर लीक के खेल में फिर फंसा एक बीजेपी नेता और इस बार निशाने पर है खुद पार्टी का ‘मीडिया प्रभारी’! UKSSSC Paper Leak News हरिद्वार से लीक हुए पेपर ने हिला दी सरकार की साख सवाल ये है — क्या सरकार का नकल विरोधी कानून सिर्फ कागज़ों में कैद है? बताने के लिए आया हूं दोस्तो कैसे बीजेपी नेता का स्कूल बना पेपर लीक का गढ़। अब जांच में क्या निकलेगा बल। दोस्तो इससे पहले जब पेपर लीक हुआ तो हाकम सिंह उसका मास्टरमाइंड बयाता गया। वो तो बीजेपी का नेता था फिर उसे निस्कासीत कर दिया गया, लेकिन अब उत्तराखंड एक बार फिर सवालों के घेरे में है। UKSSSC की स्नातक स्तरीय परीक्षा, जिसे लाखों बेरोजगार युवाओं ने अपनी ज़िंदगी की उम्मीद बनाकर दिया था, पेपर लीक के आरोपों में फंस गई है। और हैरानी की बात यह नहीं कि पेपर लीक हुआ। हैरानी की बात यह है कि एक बार फिर सत्ता से जुड़ा चेहरा इसमें उभरकर सामने आया है। उसके नाम और कारनामे के बारे में बताउं उससे पहले देखिए कांग्रेस कैसे बीजेपी और सरकार को घेर रही है।
दोस्तो पहले था हाकम सिंह और अब एक और नाम है जो बीजेपी का नेता है। इस बार नाम जुड़ा है भाजपा हरिद्वार जिला मीडिया प्रभारी और स्कूल के प्रधानाचार्य धर्मेंद्र चौहान का। उनके स्कूल “आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज” से ही पेपर लीक की खबर आई है। यह वही धर्मेंद्र चौहान हैं जिनके मुख्यमंत्री के साथ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। अब एसे में तो सवाल बनेगा ही कल पुलिस का वो बयान सुना होगा आपने जब कहा गया गया कि इस स्कूल में यानि की परीक्षा केन्द्र पर अव्यवस्थाओं का आलम था, जैमर काम नहीं कर रहे थे और भी। अब सवाल ये है — क्या सरकार की नकल विरोधी कानून की सारी बातें सिर्फ राजनीतिक नौटंकी थीं? जैसा कांग्रेस वाले कह रहे हैं। कांग्रेस का साफ तौर पर कहना है कि एक तरफ कानून का डंका पीटा जा रहा है, दूसरी ओर नकल माफिया सत्ता की छाया में खुलेआम खेल रहे हैं। दोस्तो अब आपको बताता हूं धर्मेंद्र चौहान के बारे में धर्मेंद्र चौहान कोई आम व्यक्ति नहीं हैं। भाजपा के ज़िला मीडिया प्रभारी, किसान मोर्चा में महामंत्री और जिले की राजनीति में पकड़ रखने वाले चेहरा माने जाते हैं। ऐसे में जब उनके स्कूल से ही पेपर लीक की खबर सामने आती है, तो सवाल उठना लाज़मी है क्या ये पेपर लीक ‘संयोग’ है, या सत्ता संरक्षण में चल रहा संगठित रैकेट? ये कांग्रेस वाले भी जोर शोर से कह रहे हैं कि यहां कुछ भी नहीं कानून के हिसाब से नहीं हो रहा है तो फिर एक और सवाल —क्या सेंटर देने से पहले जांच नहीं होती? क्या बीजेपी नेता के स्कूल को VIP सेंटर बनाकर रियायत दी गई थी?‘चोर दरवाज़े’ से भर्ती की परंपरा क्या सवाल नहीं होना चाहिए। यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड की परीक्षाएं लीक हुई हैं और उसमें बीजेपी नेताओं के नाम सामने आए हैं।
अप्रैल 2023:भाजपा नेता संजय धारीवाल, ग्राम प्रधान और पूर्व मंडल अध्यक्ष –पटवारी और जेई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार।उनकी गिरफ्तारी पर ₹50,000 का इनाम घोषित था। अब 2025 में फिर भाजपा नेता के स्कूल से पेपर लीक की आशंका! और हाकम सिह को ई कैसे भूल सकता है। अब दोस्तो क्या ये महज़ इत्तेफाक है या सुनियोजित सत्ता-प्रेरित भ्रष्टाचार? आप मुझे बताइएगा कमेंट के जरिए। दोस्तो मै अपनी इस रिपोर्ट को क्लोजिंग की तरफ ले जाउं कुछ सवालों और चिंता के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में ऐलान किया था कि राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। लेकिन सवाल यह है कि जब पेपर सेंटर ही लीक करने वालों के पास हों, तब कानून क्या कर पाएगा?किसके दबाव में जांच ठंडी पड़ जाती है?क्यों नकल माफिया नेताओं की छांव में फल-फूल रहे हैं?युवाओं के भविष्य की कीमत पर चल रही सत्ता की राजनीति कब रुकेगी?बहरहाल दोस्तो अगर भाजपा नेता निर्दोष हैं, तो फास्ट ट्रैक जांच कर उन्हें क्लीन चिट दें या दोषी हैं तो सलाखों के पीछे भेजें जो भी होगा आगे लेकिन सवाल ये है कि क्या जांच की आंच वहां तक पहुंचेगी भी या नहीं धर्मेंद्रर चौधरी की भूमिका को लेकर अभी पुलिस और जांच टीम द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।