डबल इंजन की सरकार में कंधो पर हेल्थ सिस्टम, यहां 10 किमी का सफर पैदल तय कर महिला को पहुंचाया हॉस्पिटल

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चमोली: अच्छे दिन की आस में उत्तराखंड की जनता ने प्रचंड बहुमत के साथ डबल इंजन की सरकार को चुना, लेकिन आज भी पहाड़ के गांवों में पहुंचने से विकास हांफता नजर आ रहा है। 5जी के इस युग में उत्तराखंड के सैंकड़ों ऐसे गांव है, जो सड़क, पानी, स्वास्थ्य और बिजली की सुविधा से महरूम है। सरकार और सरकार से जुड़े जनप्रतिनिधि विकास के भले ही लाख दावे करते हों, लेकिन धरातल की तस्वीरें कुछ और बयां करती हैं। चमोली में दशोली ब्लॉक के पाणा गांव की आनंदी देवी पत्नी स्वर्गीय अमर सिंह कि अचानक तबीयत बिगड़ गई। गांव तक सड़क ना होने के चलते गांव के युवाओं और अन्य लोगों द्वारा बीमार महिला को 8 से 10 किलोमीटर कंधों पर कुर्सी से डंडी कंडी बनाकर सड़क तक पहुंचाया गया। जिसके बाद महिला को जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया गया।

ऐसा नहीं कि इस क्षेत्र से पहली बार किसी बीमार ग्रामीण को ऐसे लाया गया हो। दरअसल ऐसी घटनाएं इससे पहले भी कई बार हो चुकी हैं। जब स्थानीय युवाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं और घायलों बुजुर्गों, बीमार लोगों को इसी तरह से कई चुनौतियों का सामना करते हुए अस्पताल पहुंचाया जाता है। कई बार तो मरीज की अस्पताल लाते वक्त ही आधे रास्ते में ही मौत हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार के नुमाइंदे हर बार क्षेत्र के लोगों को मार्ग का आश्वासन देते हैं, लेकिन गांव तक सड़क अभी तक भी नहीं पहुंच पाई है। पूर्व में सड़क को लेकर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन भी किया गया था, लेकिन उसके बावजूद भी आज तक गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है।