मुख्य सचिव ने दिए ये निर्देश, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स के होंगे निर्माण

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देहरादून: उत्तराखंड भारत के उत्तर में पहाड़ी राज्य है। नैनीताल, उत्तर-काशी, मसूरी और चमौली जैसे उत्तर भारत के लगभग सभी प्रमुख हिल स्टेशन उत्तराखंड में ही हैं। हिल स्टेशनों की सुरम्यता के साथ-साथ धार्मिक महत्व के स्थान होने के कारण देश और दुनियाभर के लोग यहां आते हैं। जिसके चलते पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की कवायद शुरू है। इसी कड़ी में मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में प्रदेश में बनाए जाने वाले हेलीपोर्ट्स एवं हेलीपैड्स की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने में हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि एयर कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन स्थलों के आसपास हेलीपोर्ट्स और हेलीपेड्स विकसित किए जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि हेलीपैड्स एवं हेलीपोर्ट्स के निर्माण पर शीर्घ से शीघ्र कार्य किया जाए। पर्यटन स्थलों में हेलीपैड्स विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में सिर्फ कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे क्षेत्रों को प्राथमिकता पर लिया जाए। मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में शीघ्र से शीघ्र हेलीपोर्ट्स हेतु भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए, उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में भूमि चिन्हित कर ली गई है, उनमें शीघ्र कार्य शुरू किए जाए।

मुख्य सचिव ने नैनीताल में भीमताल के आस-पास हेलीपोर्ट के लिए जगह चिन्हित करने हेतु जिलाधिकारी को ड्राइव चलाने के निर्देश दिए, साथ ही कौड़ियाला और चकराता के पास भी हेलीपैड बनाए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने “हिमालय दर्शन” जैसी योजना शुरू किए जाने पर बल देते हुए कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को सभी योजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किए जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सचिव श्री दिलीप जावलकर एवं एसीईओ यूटीडीबी श्री सी. रविशंकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।