देवभूमि में सामने आया होटल जिहाद! | Uttarakhand News | Chamoli News | Viral News | Hotel Jihad

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जी हां दोस्तो कैसे देवभूमि में नाम बदल कर हो गया होटल जिहाद, लोगों को बता चला तो सड़क पर उतर किया भारी विरोध प्रदर्शन। वैसे उत्तराखंड में कभी नकल जिहाद, कभी लैंड जिहाद, कभी थूक जिहाद, तो खूब देखा, लेकिन अब क्या है होटल जिहादकैसे और कौन शामिल है इस साजिश में, कैसे लोगों ने सड़क पर खोल दिया मोर्चा। दोस्तो देवभूमि उत्तराखंड में एक नया विवाद सुलग उठा है, आरोप हैं कि नाम बदलकर होटल कारोबार चलाया जा रहा है—और इसी को लेकर अब लोग इसे ‘होटल जिहाद’ का नाम दे रहे हैं। सड़कों पर नाराज़गी है, मोर्चा खुल चुका है और प्रशासन से जवाब मांगे जा रहे हैं। सवाल ये है कि क्या ये महज़ आरोप हैं या सच में नियमों की अनदेखी हो रही है? आखिर कैसे नाम बदलकर पहचान छुपाने के दावे सामने आए—और इस पूरे मामले की सच्चाई क्या है? वीडियो को अंत तक जरूर देखिएगा दोस्तो सारे सवालों के जवाब आपको मेरी इस रिपोर्ट के जरिए मिल जाएंगे, जी हां दोस्तो चमोली के पीपलकोटी में होटल बिक्री विवाद तगड़ा, विरोध बड़ा , आशंकाएं तमाम हैं और प्रशासन के लिए चुनौती ये कि कैसे इस पूरे मामले का समाधान निकालें।

दरअसल दोस्तो चमोली जिले के पीपलकोटी क्षेत्र में एक होटल की बिक्री को लेकर सामने आई सूचना ने स्थानीय स्तर पर तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ावों में शामिल पीपलकोटी में होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों और कुछ संगठनों ने इस कथित सौदे पर आपत्ति जताते हुए जुलूस और प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यदि स्थानीय परिस्थितियों और नियमों की अनदेखी कर ऐसे सौदे किए गए, तो इससे क्षेत्र की सामाजिक शांति और पर्यटन व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। दोस्तो बता दूं कि पीपलकोटी में होटल व्यवसायियों और कुछ संगठनों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में ये दावा किया गया कि एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा अपना होटल एक “विशेष समुदाय” के व्यक्ति और एक अन्य को बेचने की प्रक्रिया चल रही है। इस सूचना के सामने आते ही होटल व्यवसायियों ने नाराजगी जताई और इसे लेकर आपसी चर्चा की। बैठक के दौरान मौजूद लोगों ने क्षेत्र में बाहरी प्रभाव, व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा और स्थानीय हितों से जुड़े मुद्दों पर चिंता व्यक्त की। बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किए जाने की बात कही गई, जिसमें ये कहा गया कि क्षेत्र में निजी संपत्ति की बिक्री को लेकर स्थानीय समाज की भावनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यदि किसी पर दबाव बनाकर या विवादित तरीके से होटल या अन्य संपत्ति की बिक्री की जाती है, तो इसका विरोध किया जाएगा। हालांकि, यह भी साफ है कि निजी संपत्ति की खरीद-फरोख्त कानून के दायरे में आती है और किसी भी प्रकार का फैसला वैधानिक प्रक्रियाओं के तहत ही मान्य होता है। दोस्तो बस इतना कह कर बैठक के बाद होटल व्यवसायियों ने पीपलकोटी में जुलूस निकाला और नारेबाजी की।

प्रदर्शन के दौरान उन्होंने प्रशासन को इस पूरे मामले से अवगत कराने की बात कही, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि यदि किसी होटल की बिक्री को लेकर नियमों का उल्लंघन होता है, तो उस पर उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही यह भी कहा गया कि अगर कथित सौदे को लेकर उनकी आपत्तियों के बावजूद आगे बढ़ा गया, तो वे आंदोलन तेज कर सकते हैं। दोस्तो यहां बता दूं कि पीपलकोटी चारधाम यात्रा मार्ग का एक अहम पड़ाव है, जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। यहां होटल और अन्य पर्यटन सुविधाएं स्थानीय लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन हैं, ऐसे में होटल व्यवसायियों का तर्क है कि किसी भी बदलाव का सीधा असर स्थानीय रोजगार और सामाजिक ताने-बाने पर पड़ता है। इसी वजह से वे इस मामले को केवल एक निजी सौदा नहीं, बल्कि क्षेत्र से जुड़े व्यापक मुद्दे के रूप में देख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, ये भी जरूरी है कि इस तरह के मामलों में कानून और संवैधानिक मूल्यों का पालन किया जाए। निजी संपत्ति की बिक्री या खरीद भारतीय कानून के तहत व्यक्ति का अधिकार है, बशर्ते वो सभी कानूनी प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करे। किसी भी समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ सामूहिक आरोप या दबाव की स्थिति सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती है। दोस्तो अब ये गेंद प्रशासन के पाले में हैं और प्रशासन के सामने इस पूरे मामले में संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है, एक ओर स्थानीय लोगों और व्यवसायियों की आशंकाएं हैं, तो दूसरी ओर कानून व्यवस्था और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी भी प्रशासन पर है। ऐसे मामलों में पारदर्शी जांच, नियमों के अनुसार कार्रवाई और सभी पक्षों से संवाद ही तनाव कम करने का रास्ता हो सकता है। वैसे देखा जा रहा है कि कुछ जिहादियों देवभूमि में साजिशन जिमीन कब्जाई उस पर अतिक्रमण कर विवादित ढांचे बनाए जिसे लैंड जिहाद कहा गया। वैसे प्रदेश के मुक्यमंत्री भी ऐसे जिहादी मानसिकता वाले लोगों पर कार्रवाई की बात कर चुके हैं, कार्रवाई हो भी रही है, लेकिन अब नए जिहाद की एंट्री से ने एक और विवाद को जन्म दे दिया।