देहरादून: वर्ष 2015 में पंतनगर विवि की टेस्ट एंड सेलेक्शन कमेटी द्वारा पुलिस विभाग में 356 दरोगाओं की सीधी भर्ती कराई थी। जिसमें एसटीएफ ने धांधली के सबूत दिए थे। सरकार द्वारा दरोगा भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी। 8 सितंबर को एसपी विजलेंस प्रहलाद मीणा के नेतृत्व में विजलेंस टीम पंतनगर कृषि विश्विद्यालय पहुंची थी। कुलपति से मुलाकात के बाद टीम ने लैंबर्ट स्क्वायर स्थित भर्ती सेल में रात 10 बजे तक इस भर्ती से जुड़े दस्तावेज खंगाले। जिसमें विजिलेंस को भी दरोगा भर्ती में धांधली से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे थे।
विजिलेंस ने शासन से आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराने की स्वीकृति मांगी थी। 7 अक्टूबर को स्वीकृति मिलने के बाद 8 अक्टूबर को पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के टेस्ट एंड सेलेक्शन कमेटी के पूर्व चेयरमैन वर्तमान में डीन वेटरनरी डॉक्टर एनएस जादौन और सेवानिवृत्त सहायक संस्थापन अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी सहित 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं, विजिलेंस की रडार पर 40 से 75 दारोगा हैं, जो परीक्षा में धांधली कर 2015-16 में दारोगा बने थे। विजिलेंस की कुमाऊं और गढ़वाल यूनिट इस केस की अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। विजिलेंस की टीम जांच के लिए यूपी की राजधानी लखनऊ भी गई थी। लखनऊ में टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2015 में हुई दरोगा की सीधी भर्ती में धांधली का पता स्नातक स्तरीय परीक्षा की जांच के दौरान लगा था। सामने आया था कि कुल भर्ती 339 दरोगाओं में से कम से कम 10 फीसदी दरोगा ओएमआर शीटों में गड़बड़ी कर भर्ती हुए हैं। इस मामले में कुल 12 आरोपियों में से पांच दूसरे मुकदमों में जेल में बंद हैं। फिलहाल मुकदमे की जांच में पूछताछ की जा रही है।