हरिद्वार: उत्तराखंड में 14 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। पिछले 2 साल से कोरोना महामारी के कारण यात्रा नहीं हुई थी लेकिन इस बार करोड़ों की संख्या में शिवभक्त गंगा का जल लेने पहुंचने वाले हैं। जिसके चलते उत्तराखंड पुलिस ने की अपील है कि, चारधाम यात्री हरिद्वार न आएं, वैकल्पिक मार्ग अपनाएंकांवड़ यात्रा में भीड़ और यातायात संचालन सबसे बड़ी चुनौती है। कांवड़ में प्रतिदिन हरिद्वार में करीब 30 लाख से अधिक कांवड़ियों का दबाव रहेगा।14 जुलाई से कांवड़ मेला शुरू हो गया है। ऐसे में वाया हरिद्वार से चारधाम यात्रा करने वाले यात्री हरिद्वार में कांवड़ में फंस जाएंगे।
कांवड़ मेले को लेकर सरकार और हरिद्वार जिला प्रशासन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। खुद मेला अधिकारी विनय शंकर पांडे हरिद्वार में हर व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। शिव भक्तों की बड़ी भीड़ को देखकर ट्रैफिक प्लान, कांवड़ियों के ठहरने और आने-जाने की व्यवस्था की जा रही हैं। ऐसे में यातायात व्यवस्था गड़बड़ा न जाए पुलिस का कहना है कि चारधाम यात्री अपनी यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्गों को अपनाएं और हरिद्वार न आएं।
हरिद्वार पुलिस ने फेसबुक पेज पर चारधाम यात्रियों से वैकल्पिक मार्ग अपनाने की अपील की है। कहा कि कांवड़ यात्रा में भीड़ और यातायात संचालन सबसे बड़ी चुनौती है। कांवड़ में प्रतिदिन हरिद्वार में करीब 30 लाख से अधिक कांवड़ियों का दबाव रहेगा। औसतन रोजाना करीब दो लाख वाहनों का रेला उमड़ेगा। बम-बम के जयकारों के साथ धर्मनगरी भगवामय होने लगी है। हर-हर महादेव के जयघोष के साथ कांविड़ये गंगा जल लेकर अपने गंतव्यों की तरफ रवाना होने लगे हैं। हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगाघाटों और बाजारों में बुधवार को कांवड़ियों की भीड़ नजर आई। भीमगोडा और पंतदीप पार्किंग में छोटी कांवड़ के साथ ही बड़ी कांवड़ का बाजार भी शुरू हो गया है। बड़ी कांवड़ लेकर जाने वाले कांवड़िये ट्रैक्टर-ट्रॉली व ट्रक, कैंटर व अन्य वाहनों में डीजे लगाकर पहुंचने लगे हैं।