Paper Leak मामले में ‘नकली अभ्यर्थी’ की हो गई एंट्री| UKSSSC | Hakam Singh Rawat | Uttarakhand News

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बड़ी खबर पेपर लीक मामले में ये कि नकली अभ्यर्थियों की एंट्री ने मामले को और सनसनीखेज बना दिया है दोस्तो। Uttarakhand Paper Leak Case दोस्तो बेरोजगार संघ जो पेपर लीक मामले में देहारादून के परेड मैदान में धरना दे रहे हैं, उनका कहना है कि जब सच्चे अभ्यर्थी CBI जांच की मांग कर रहे थे, तब दूसरी तरफ बसों में ‘स्क्रिप्टेड नारेबाज़’ भरकर राजधानी बुलाए जा रहे थे। दोस्तो जब परेड ग्राउंड में युवाओं का ग़ुस्सा उबल रहा था, सचिवालय के बाहर नकली प्रदर्शन का मंचन चल रहा था क्या, सवाल ये है — क्या सिस्टम UKSSSC पेपर लीक से ध्यान भटकाने के लिए ‘Event Management’ का सहारा ले रहा है? होगी पूरी पड़ताल। UKSSSC की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक की खबरों से उत्तराखंड का माहौल गरम है। युवाओं में आक्रोश है, परेड ग्राउंड पर हजारों की भीड़ CBI जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग कर रही है, लेकिन दूसरी तस्वीर पेपर का रिज़ल्ट घोषित करो के नारे लगाने के लिए नकली अभियर्थियों को बुलाया गया। कौन है जो नहीं चाहता की परीक्षा पर बात ना हो पेपर लीक के इस पूरे कांड पर परदा डाल दिया जाय ये जो कुछ नकली अभियर्थियों को धोखे में रख कर लाया गया। इन्हे कहा ले जाया जा रहा था। दोस्तो और अब बडे खुलासे की बात आती है। बेरोज़गार संघ का दावा है कि ये छात्र असली अभ्यर्थी नहीं थे, बल्कि सरकार की स्क्रिप्ट पर भेजे गए ‘मोहरा’ थे। इन्हें लक्सर से 5–6 बसों में भरकर लाया गया था ताकि असली मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। दोस्त तो क्या खेल चल रहा है, जब असली अभ्यर्थी CBI जांच मांग रहे हैं, तो ‘रिज़ल्ट दो’ के नारे क्यों दिलवाने के लिए कहा जा रहा है बल ये जिस कौलेज के बच्चे हैं वो किसका है उसका कहीं सत्ता से सीधा संबंध तो नहीं है। क्या सिस्टम चाहता है कि लीक हुआ पेपर वैध घोषित हो और फर्जी तरीके से चयनित लोग नौकरी पा जाएं?लक्सर से बुलाए गए छात्रों को कौन लाया? उनका किराया किसने दिया? क्या ये सरकार प्रायोजित भीड़ थी? सुनिए ये नकली अभियर्थि कह क्या कह रहे हैं। दोस्तो ये सब क्या हो रहा है बल अपने उत्तराखंड में एक तरफ पेपर लीक में मै तीन दिन से कह रहा हूं बड़ी मछली बड़ी मछली को पकड़ो लेकिन यहां मामले को भटकाने की कोशिश की जा रही है, और बेरोजगालर संघ वाले भी कह रहे हैं कि इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए साजिशें तमाम की जा रही हैं अभी तो खालिद मलिक की गिरफ्तारी हुई है। सब का ध्यान उसके बयान और पेपर लीक के खुलते राज पर होना चाहिए था लेकिन यहां नकली अभियर्थियों के सहारे खेला हो रहा है। दोस्तो मामले में गंभीर आरोप लग रहे हैं, पहले पेपर लीक को लेकर बीजेपी और सरकार दोनों को गेरा जा रहा है। पेपर लीक जिस स्कूल से हुआ वो बीजेपी का है, उसकी बात कोई नहीं कर रहा है। दूसरी तरफ CBI जांच से डर क्यों?अगर सरकार साफ है, सिस्टम और आयोग पाक-साफ है, तो CBI जांच से क्यों भागा जा रहा है बल, दोस्तो क्योंकि हर बार जब कोई भर्ती घोटाला होता है, परछाईं में कोई न कोई सत्ताधारी नेता या उनका करीबी खड़ा होता है। मेने इससे पहले वाले वीडियो में सारी बाते बताई हैं। 2023: पटवारी और JE भर्ती में भाजपा नेता संजय धारीवाल गिरफ्तार 2025: स्नातक स्तर परीक्षा में भाजपा मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र चौहान के स्कूल से पेपर लीक होना। 2022 में हाकम सिंह का इसी मामले में जेल जाना, दोस्तो अब जब हरिद्वार से फिर पेपर लीक हुआ, तो पर्दा डालने के लिए “प्लांटेड प्रदर्शन” की रणनीति अपनाई जा रही है? क्या ये मेरा सवाल आप से आप जवाब कमेंट के जरिए देना। नकली प्रदर्शन, असली आंदोलन को कुचलने की चाल? परेड ग्राउंड में जो युवा CBI जांच की मांग कर रहे हैं, वे रातों को जागकर तैयारी करते हैं। घर वालों का सपना और समाज की उम्मीद लेकर परीक्षा हॉल तक पहुंचते हैं लेकिन दूसरी तरफ के बाहर जिनसे रिज़ल्ट दो के नारे लगवाए की चाल , उनकी तैयारी क्या थी? उनका परीक्षा से क्या लेना-देना?बेरोज़गार संघ का आरोप है –जानबूझकर ऐसे लोगों से प्रदर्शन करवा रही है जो पेपर लीक की सच्चाई को दबा सकें। दोस्तो सच ये है कि पेपर लीक की जांच पूरी होने से पहले अगर आयोग रिज़ल्ट जारी करती है, तो भ्रष्ट सिस्टम को वैधता मिल जाती है। क्या नतीजा तभी चाहिए जब पेपर लीक की सच्चाई सामने आ चुकी हो?क्या ये नहीं होगा कि जिन लोगों ने पैसे देकर पेपर लीक करवाया, वही पास हो जाएं?और जिनका सपना ईमानदारी से बना था, वे फिर से बेरोज़गारी की कतार में लौट जाएं? यह लोकतंत्र है या ढकोसला?यह न्याय है या नाटक? हो गया है।