खटीमा में भारी तनाव ! | Khatima News | Uttarakhand News | Khatima Murder | Bus Stand | Tushar

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धधक उठा खटीमा, सुलगता रहा लोगों का गुस्सा; कई बार बेकाबू हुए हालात, पुलिस ने किया लाठिचार्ज। कैसे मुख्यमंत्री के चुनावी क्षेत्र में लग गई आग। बेकाबू हालात से कैसे निपटगे पुलिस प्रशासन, क्या है मामला। उत्तराखंड के खटीमा से बड़ी खबर सामने आ रही है, बड़ी तस्वीर सामने आई है। जहां चाकूबाजी की घटना में एक युवक की मौत के बाद शहर में आक्रोशित लोगों ने सड़कें जाम कर दीं और हालात कई बार बेकाबू हो गए। पुलिस को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज तक करना पड़ा, शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और प्रशासन निगरानी में है। जी हां दोस्तो उधम सिंह नगर जिले के खटीमा में शुक्रवार देर रात को हुई युवक की मौत के बाद शहर में हंगामा हो गया। हिंदू संगठनों ने खटीमा शहर में विरोध प्रदर्शन किया और एक दुकान में आग भी लगाई। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने कई और गाड़ियों में तोड़-फोड़ व दुकानों को जलाने का भी प्रयास किया था, लेकिन पुलिस की सख्ती के कारण प्रदर्शनकारी ऐसा नहीं कर पाए। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने इलाके में धारा 163 लगा दी है।

दोस्तो खटीमा शहर में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है। धारा 163 लागू होने के बाद शहर में चार से ज्यादा लोगों को एक साथ खड़े होने की अनुमति नहीं है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। शहर में पीएसी के जवान भी तैनात कर दिए गए हैं। दुकान में लगी आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को मौके पर बुलाया गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। दोस्तो पूरा मामला जानिए शुक्रवार (12 दिसंबर) रात करीब 10 बजे खटीमा रोडवेज स्टेशन में पुरानी रंजिश को लेकर दो गुटों में बहस हो गई थी, कुछ ही देर में ये बहस मारपीट में बदल गई। इस दौरान दोनों गुटों के बीच चाकूबाजी हुई, जिसमें 24 वर्षीय तुषार शर्मा (पुत्र मनोज शर्मा), 23 वर्षीय सलमान (पुत्र शब्बू निवासी पकड़िया) और 21 वर्षीय अभय (पुत्र कन्हैया लाल) गंभीर रूप से घायल हुए। दोस्तो मौके पर मौजूद लोग घायलों को तुरंत उप जिला चिकित्सालय खटीमा लेकर गए, जहां उपचार के दौरान 24 वर्षीय तुषार शर्मा ने दम तोड़ दिया। मृतक तुषार पीलीभीत रोड स्थित एक ट्रांसपोर्ट में कार्य करता था। अन्य दो घायलों सलमान और अभय को डॉक्टरों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया था। सलमान की हालत भी गंभीर बनी हुई है। तुषार शर्मा की मौत के बाद खटीमा शहर में हंगामा हो गया।

दोस्तो इस घटना के आक्रोशित लोगों न सिर्फ दुकानों में तोड़फोड़ की है, बल्कि बाजार बंद कराकर जोरदार प्रदर्शन किया। हालांकि, पुलिस ने जुलूस निकाल रहे आक्रोशित युवकों पर लाठीचार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया। दोस्तो पुलिस-प्रशासन ने साफ चेतावनी दी है कि शहर में अराजकता का माहौल किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीएनएस की धारा 163 को नगर में लागू कर दिया गया है, फिलहाल एसडीएम के अनुसार स्थित नियंत्रण में है। अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। खटीमा के मुख्य चौक और रोडवेज बसे अड्डे समेत मुख्य स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आसपास के थानों की फोर्स भी एहतिहात के तौर पर खटीमा बुलाई गई है। खुद एसडीएम तुषार सैनी और पुलिस क्षेत्राधिकारी विमल रावत ने मोर्चा संभालते हुए शहर में फ्लैग मार्च किया। तो दोस्तों, खटीमा में भड़की यह हिंसा सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि कई गंभीर सवाल छोड़ जाती है। क्या एक आपसी विवाद इतना बड़ा क्यों बन गया कि शहर को बंद करना पड़ा? क्या कानून-व्यवस्था को लेकर पहले से कोई चूक हुई? और सबसे बड़ा सवाल—क्या ऐसे हालात दोबारा न हों, इसके लिए प्रशासन ने अब पर्याप्त कदम उठा लिए हैं? एक तरफ एक परिवार ने अपना बेटा खो दिया, तो दूसरी तरफ पूरा शहर दहशत और तनाव के साए में आ गया। पुलिस और प्रशासन ने हालात संभालने की कोशिश जरूर की है, लेकिन अब ज़रूरत है भरोसा बहाल करने की, क्या शांति कायम रह पाएगी?क्या दोषियों को जल्द सज़ा मिलेगी? और क्या खटीमा फिर से सामान्य हो पाएगा? दोस्तो इन सवालों के जवाब आने वाले वक्त में तय करेंगे कि यह घटना एक चेतावनी बनती है या फिर एक और भूला दिया जाने वाला हादसा। लेकिन अभी खटीमा में हलात तनाव के हैं।