कहते हैं छोटी सी लापरवाही एक बड़ी वारदात को अंजाम दे सकती है। वो वारदात कितनी बड़ी होगी, इसका अंदाजा भी लगा पाना बेहद मुश्किल है। उत्तराखंड के अंकिता हत्याकांड Ankita Bhandari Murder में कभी राजस्व पुलिस की ढीलाई सामने आई। अगर पटवारी ने सही वक्त पर कदम उठाया होता, तो शायद अंकिता बच सकती है। इसी तरह से पुलकित का रिसॉर्ट अय्याशी का अड्डा न बनता अगर रिसॉर्ट का रजिस्ट्रेशन उत्तराखंड पर्यटन नियमावली में होता। जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि वनन्तरा रिजॉर्ट का वैध रुप से पंजीकरण उत्तराखण्ड पर्यटन नियमावली में नहीं था। कुल मिलाकर देखें तो पुलकित को कुछ भी करने की खुली छूट मिली हुई थी।
एसआईटी द्वारा अंकिता मर्डर केस मे लगातार जांच जारी है। केस को फास्ट्र ट्रेक कोर्ट में ले जाने की हर संभव कोशिश हो रही है। एसआईटी द्वारा पुलिस मुख्यालय देहरादून से पत्राचार किया गया है। इस दौरान विवेचना में ये तथ्य सामने आया है कि वनन्तरा रिजॉर्ट का वैध रुप से पंजीकरण उत्तराखण्ड पर्यटन नियमावली में नहीं था। इस बात का डर शायद पुलकित के दिल में कहीं भी नहीं था। रसूखदार होने की वजह से उसने कानून को ठेंगे पर ही रख लिया था। इसलिए वनन्त्रा रिसॉर्ट वीवीआईपी लोगों के लिए अय्याशी का अड्डा बन गया था। अंकिता को भी पहले वीआईपी को खुश करने के लिए कहा गया था। इस बात का खुलासा अंकिता और उसके दोस्त के बीच हुए चैट के स्क्रीन शॉट में भी हुआ था।