उत्तराखंड कांग्रेस में अंदरूनी वार पलटवार जारी, अब हरदा ने हरक सिंह रावत पर साधा निशाना

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देहरादून: पांचवीं विधानसभा के चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में अंतर्कलह कम होने के स्थान पर और तेज हुई है। लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी के भीतर हरीश रावत विरोधी मोर्चा नए सिरे से मुखर हुआ है। पूर्व सीएम हरीश रावत के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की भी हरिद्वार से आस लग गई है। विधानसभा चुनाव में बहू की हार के बाद हरक सिंह रावत हरिद्वार को अपनी राजनीति का द्वार बनाने में भी जुट गए हैं।

कांग्रेस में विवाद के बीच हरीश रावत बोले ‘मैं तो जेठानी, चलो देवरानियां जागी तो सहीं’। बीते रोज पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह ने प्रदेश में विपक्ष के कमजोर होने और हरीश रावत को टोटकों की राजनीतिक न करने की सलाह दी थी। आज पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरक पर करारा पलटवार कर दिया। रावत ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस संगठन बेहद मजबूत है। विपक्ष कमजोर है निराश जैसी बाते तो भाजपा को करनी चाहिए, न कि कांग्रेस के नेताओं को। रही बात टोटकों की तो राजनीति में चलते ही टोटके हैं। यदि किसी के पास नहीं है तो वो मुझसे आकर ले जाए।

रावत ने कहा कि अग्निवीर योजना के खिलाफ मैंने एक राजनीतिक टोटका किया था। 14 गैरसैंण, फिर 15 को अल्मोड़ा में जाकर भी जनता से जुड़े मुद्दों पर आवाज उठाऊंगा। यह भी टोटका ही है। ये टोटके राजनीति का ही हिस्सा होते हैं। कांग्रेस के भीतर अपने विरोध पर रावत बोले, यह मेरे टोटको का ही कमाल है कि जो लोग थोड़ा झपकी लेने लगे थे, अब वो भी जाग गए हैं। पार्टी में मेरी भूमिका जेठानी की है जो साथी देवरानियों को जगाती रहती है। चलिए देवरानियां जागी तो सही।

वही, हरक के बाद हरीश रावत और अब प्रीतम सिंह का बयान सामने आया है। उनके अनुसार हम अगर हरिद्वार जा रहें है तो हरीश रावत के खिलाफ हमारी राजनीति नहीं है उनके अनुसार राजनीति में कही बुलाया जाता है तो हम जाते है वही हरीश रावत की देवरानी जेठानी वाली बात पर प्रीतम बोले मुझे अच्छा लगता है जब बड़े नेता हमें याद करते है वही प्रीतम बोले कालिदास दो कारणों से याद किए जाते है एक जिस डाल में बैठे उसी को काटने के दूसरा विद्वान थे मैं कालिदास नहीं जिस डाल में बैठु उसी को काट डालू।