वीडियो हुआ वायरल तो खुला साजिश से पर्दा! | Udham Singh Nagar News | Uttarakhand News | Viral Video

Spread the love

जी हां दोस्तो एक वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया, माता-पिता के साथ ही संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा। कैसे अपनी देवभूमि जिहादियों की साजिश का हो गया खुलासा, क्या अब बच्चों के स्कूल की प्रर्थना से शुरू हो गया विवाद। Jihadi conspiracy in Uttarakhand कैसे विभाग ने लिया एक्शन, बताउंगा आपको इस चौंकदेने वाली खबर की हर वो बात जिसे प्राइवेट स्कूल ने सबसे छूपा कर रखा। दोस्तो मामला जितना अहम है उससे कहीं ज्यादा संवदेनशील है। दोस्तो ये वीडियो उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर से एक प्राइवेट स्कूल का है जहां, कलमा पढ़ाने का मामला सामने आया है। वीडियो में छात्रों को सुबह की प्रार्थना के दौरान कलमा पढ़ते हुए दिखाया गया, जिसके बाद स्थानीय हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग हरकत में आया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन इस जेहादी हरक पर स्कूल प्रशासन का क्या कहना है। दोस्तो अब स्कूल प्रशासन जो भी तर्क दे, लेकिन बीते 1 साल से इस स्कूल में बच्चों को ये कलमा पढ़ाया जा रहा था। दोस्तो ये मामला उधमसिंह नगर के सुल्तानपुर पट्टी (नया नाम कौशल्यापुरी) स्थित एक निजी स्कूल का है। दोस्तो वीडियो ममें कुछ छात्र अरबी शब्दों का उच्चारण करते नजर आ रहे हैं।

वीडियो सोशल मीडिया पर फैलते ही हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर स्कूल संचालक पर कार्रवाई की मांग की। संगठनों का आरोप है कि छोटी कक्षाओं के हिंदू छात्रों को जबरन धार्मिक कलमा पढ़ाया जा रहा था। दोस्तो बता दूं कि स्कूल में लगभग 110 हिंदू और 80 मुस्लिम छात्र पढ़ते हैं। स्कूल की माने तो वो स्वीकार करता है कि कि पिछले एक साल से प्रार्थना के समय बच्चों को कलमा पढ़वाया जा रहा था। ‘वीडियो के वायरल होने के बाद इसे तुरंत बंद कर दिया है। बच्चों से कलमा पढ़वाना गलत था, लेकिन बीते एक साल से कैसे ये सब हो रहा था। शिक्षा विभाग के लोगों को स्थानीय प्रशान, जिला प्रशान को भनक तक नहीं लगी, लेकिन दोस्तो छोटे बच्चों को किसी विशेष धर्म का कलमा पढ़ाना शिक्षा नीति का उल्लंघन है और ये स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। दोस्तो जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी अब कहते हैं कि मामले की रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हो गई है। जांच में पाया गया कि स्कूल में मुस्लिम आबादी अधिक है, लेकिन विद्यालय में हिंदू छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ते हैं। शिक्षा नीति के अनुसार प्रार्थना के दौरान किसी विशेष धर्म की धार्मिक शिक्षा थोपना गलत है। स्कूल को नोटिस जारी किया गया है और नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। दोस्तो इस खबर को लेकर क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी रही, हालांकि प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है। स्कूल प्रबंधन से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा गया है और मामले की जांच जारी है। लेकिन नौनिहालों को क्या अब जिहादी मानसिकता के लोग निशाना बना रहे हैं।