Joshimath Land Sinking: लंबे समय से आंदोलन कर रही ‘जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति’ ने अपना आंदोलन अस्थायी रूप से वापस ले लिया है। अपनी मांगों पर गौर करने के जिला प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद समिति ने गुरुवार को अपना 107 दिवसीय आंदोलन को अस्थायी रूप से वापस लेने का फैसला किया। समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि अगले 20 दिनों तक कोई आंदोलन नहीं होगा। पिछले तीन महीने से भी ज्यादा समय से जोशीमठ में कड़ाके की सर्दी में भी संघर्ष समिति का आंदोलन जारी थी। समिति ने 27 अप्रैल से शुरू हो रही बदरीनाथ धाम यात्रा के दिन चक्का जाम की चेतावनी भी दी थी। लेकिन ऐसी स्थिति नहीं आई। बताया जा रहा है कि सरकार के लिखित आश्वासन के बाद जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने अपना आंदोलन फिलहाल समाप्त कर दिया है।
जोशीमठ भू धंसाव के खिलाफ और लोगों के उचित पुनर्वास समेत सारे इंतजाम की मांग को लेकर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने आंदोलन किया था। अब 11 सूत्रीय मांगों पर लिखित आश्वासन मिला है। जोशीमठ अनुविभागीय मजिस्ट्रेट के लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन फिलहाल वापस ले लिया गया है। अब जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति 11 मई को प्रशासन के कदमों की समीक्षा करेगी। उसके बाद समिति आगे की कार्रवाई को लेकर अपनी रणनीति तय करेगी। गुरुवार को एसडीएम कुमकुम जोशी धरना स्थल पर पहुंचीं। उन्होंने समिति को एक पत्र सौंपा। पत्र में आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री और समिति के बीच 11 सूत्री मांगों पर हुई सकारात्मक वार्ता का जिक्र किया गया है। एसडीएम ने कहा कि प्रशासन मांगों को लेकर समय-समय पर समिति से वार्ता कर कार्रवाई करेगा। समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि 20 दिन बाद यदि मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो फिर आंदोलन किया जाएगा।
समिति द्वारा आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री के सामने निम्न प्रमुख मांगे रखी-
- सम्पूर्ण जोशीमठ को आपदा प्रभावित घोषित करते हुए प्रभावित वर्गों जैसे व्यवसाइयों, दिहाड़ी मजदूरों, पर्यटन पर निर्भर लोगों तथा कृषकों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए।
- जोशीमठ भूधंसाव के संदर्भ में देश की शीर्ष आठ संस्थाओं द्वारा किए गए अध्ययन की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
- सरकार द्वारा घोषित मुआवजा नीति में होम-स्टे को व्यावसायिक श्रेणी से हटाया जाए।
- बेघर हुए प्रभावितों के लिए स्थाई पुनर्वास की व्यवस्था होने तक वैकल्पिक व्यवस्था कम से कम साल भर तक चलाई जाए।
- तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की निर्माण एजेंसी एनटीपीसी कंपनी के साथ हुए 2010 के समझौते को लागू किया जाए।