मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में किए जा रहे राहत कार्यों को लेकर आज अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में जोशीमठ में किये जा रहे कामों की समीक्षा की गई। बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों से राहत कार्यों में तेजी लाने के साथ ही पुनर्वास के कार्यों को आगे बढ़ाने की बात कही। जोशीमठ में भू-धसांव के कारणों को लेकर सभी तकनीकी संस्थानों एवं वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आते ही आगे की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए। जोशीमठ के भूधंसाव क्षेत्र के अध्ययन की फाइनल रिपोर्ट के बाद ट्रीटमेंट के कार्य तेजी से सुनिश्चित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिये जाएं। जिलाधिकारी चमोली स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर शासन को रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जिन लोगों को विस्थापित किया जायेगा, उनके लिए सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के जिन शहरों में समुचित ड्रेनेज प्लान एवं सीवर सिस्टम नहीं हैं, उनमें ड्रेनेज एवं सीवर सिस्टम के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाई जाए। शहरों को श्रेणी वार चिन्हित किया जाए।
अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है, जिसकी अनुमानित जनसंख्या 25000 है। पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 हैं। उसमें से 849 भवनों में चौड़ी दरारें मिल चुकी हैं। अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं। सर्वे गतिमान है एवं उक्त प्रभावित परिवार तथा भवन निरंतर बढ़ रहे हैं। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय जल विज्ञान (एनआईएच) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में जोशीमठ में रिस रहा पानी और एनटीपीसी परियोजना के टनल का पानी अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि अन्य केन्द्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट एवं एनआईएच की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पायेगी।