22 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा, बद्रीनाथ का पहला पड़ाव है जोशीमठ, यहां के होटल प्रभावितों से फुल

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जोशीमठ: 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। वहीं, दरारों का दंश झेल रहे जोशीमठ के लोग राहत शिविरों और होटलों में ठहरे हुए हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से शुरू होने वाली यात्रा के दौरान सुविधाएं मुहैया करवाना एक बड़ी चुनौती है। जोशीमठ पिछले 50 दिनों से दरारों का दंश झेल रहा है। जोशीमठ के बद्रीनाथ की दूरी करीब 45 किमी होने से यहां पर लोग ज्यादा रुकते हैं, लेकिन इस बार सभी होटल फुल होने से दिक्कत हो सकती है। जोशीमठ बद्रीनाथ धाम की यात्रा का मुख्य पड़ाव है। ऐसे में बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले अधिकांश तीर्थयात्री रात्रि विश्राम जोशीमठ में करते हैं। इस बार दरारों के कारण प्रभावित हुए परिवारों को होटलों में रुकवाया गया है, जिस वजह से होटलों के सभी कमरे लगभग फुल हैं।

अब प्रश्न यह है कि बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को जोशीमठ में किस प्रकार से रुकवाया जाएगा। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोशीमठ के पास कई जगह मोटी-मोटी दरारें पड़ी हुई हैं। हालांकि, संबंधित विभागों द्वारा कई बार इन दरारों में सीमेंट आदि का घोल भी भरा गया, लेकिन दरारें फिर चौड़ी हो गई हैं। ऐसे में बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले वाहनों का भार पढ़ने से मार्ग क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और सड़कों पर पड़ी यह दरारें यात्रा को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, यात्रा तैयारियों को लेकर जुटे प्रशासन का यह दावा है कि बद्रीनाथ धाम की यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से सारी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया जा रहा है। यात्रियों को किसी प्रकार का कष्ट होने नहीं दिया जाएगा।