कम होने का नाम नहीं ले रहा जोशीमठ का संकट, सरकार के लिए बनी चुनौती…बद्रीनाथ हाइवे में भी भू-धंसाव

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Joshimath Is Sinking: जोशीमठ शहर में एक बार फिर दारार वाले भवनों की संख्या में इजाफा हुआ है। शुक्रवार को 14 और भवनों में दरारें आई हैं। अब दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर 863 हो गई है। वहीं 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि प्रभावित किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भू-धंसाव की चपेट में है। लाखों हिंदुओं की आस्था के केंद्र बदरीनाथ की तरफ जाने वाले इस एकमात्र मार्ग के कई हिस्सों में एक से दो मीटर तक दरारें आई हैं। सरकार फिलहाल मार्ग के ट्रिटमेंट की बात कर रही है, लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले मार्ग को सुचारू रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।

बता दें, चारधाम यात्रा के दौरान देश दुनिया से सबसे अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। कोविड महामारी के दो साल बाद 2022 की चारधाम यात्रा में 8 मई से 19 नवंबर 2022 तक बदरीनाथ धाम में 17.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। हाईवे पर आईं बड़ी-बड़ी दरारें सरकार की चिंता का बड़ा कारण बन गई हैं। यदि दरारें नहीं थमीं तो हाईवे का एक बड़ा हिस्सा कभी भी जमींदोज हो सकता है। ऐसे हालात में बदरीनाथ धाम ही नहीं भारतीय सेना चीन की सीमा से कट सकती है। इस मार्ग पर जोशीमठ में स्टेट बैंक के सामने, मुख्य बाजार में लोनिवि गेस्ट हाउस के नीचे, जेपी कॉलोनी और मारवाड़ी में भी एक से दो मीटर तक की दरारें आई हैं।